शहर के सबसे पुराने बाजार में लग रहा है लगातार जाम, व्यापारी संघ के अध्यक्ष ने प्रशासन को दी चेतावनी व्यवस्था सही करें नहीं तो होगा बड़ा आंदोलन
नमस्ते कोरबा :- कोरबा ईतवारी बाजार क्षेत्र में कई तरह की समस्याएं मौजूद है। इसमें सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक की है । इसके कारण यहां की व्यापारिक गतिविधियां बेहद प्रभावित हो रही हैं। साथ ही बाजार करने पहुंचने वाले लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, ईतवारी बाजार व्यापारी संघ के अध्यक्ष अनीश मेमन ने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और नगर निगम को कई बार इसकी जानकारी दी और शिकातय भी की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
कोरबा नगर का सबसे पुराना बाजार ईतवारी बाजार है। रविवार और गुरुवार को यहां सप्ताहिक बाजार लगता है। व्यापारियों की सुविधा के लिए नगर निगम ने पिछले सालों में यहां पौनी पसारी योजना तहत चबूतरे और छायादार शेड तैयार कराए, लेकिन शॉपिंग कांपलेक्स से लेकर आंतरिक मार्ग बदहाली का शिकार हैं। कई कारणों से लोगों की पहुंच मार्केट में नहीं हो पा रही है । इसके चलते मुख्य मार्ग पर संचालित होने वाली दुकानों पर असर पड़ रहा है।
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ईतवारी बाजार व्यपारी संघ के अध्यक्ष अनीश मेमन ने बताया कि ईतवारी बाजार की हालत बहुत ही खराब है यहां कई व्यापारी अपनी चार चक्का गाड़ी दुकान के बाहर खड़ी कर देते हैं। वहीं कई दुकानदार दुकान से बाहर रोड तक सामान निकाल देते हैं, जिसके कारण पूरा यातायात प्रभावित हो जाता है रविवार और गुरुवार को यहां स्थिति बद से बदतर हो जाती है क्योंकि कई व्यापारियों का माल छोटा हाथी, पिकअप, मेटाडोर में आता है और दुकानदार अपनी दुकान के सामने गाड़ियां खड़ी कर माल उतरवाते हैं व लोड करते हैं जिसके कारण पूरा ट्रैफिक कई घंटे तक जाम हो जाता है ।
ईतवारी बाजार व्यापारी संघ के अध्यक्ष अनीश मेमन ने बताया कि रविवार व गुरुवार को यहां सप्ताहिक बाजार लगती है जिसमें लोग दूर-दूर से यहां सब्जी व रोजमर्रा के जरूरत का सामान लेने आते हैं लेकिन उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि यहां के कई व्यापारी अपनी चार चक्का गाड़ी अपने दुकान के बाहर लगा देते हैं जिससे कि ट्रैफिक जाम होने की स्थिति आ जाती है जिससे आम लोगों को बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है,
जिसमें महिलाएं, बुजुर्ग व बच्चे शामिल हैं अनीश मेमन ने जानकारी देते हुए बताया कि अगर जिला प्रशासन ने जल्द से जल्द कार्यवाही नहीं की तो उनको मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा और वह इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं जिसकी संपूर्ण जवाबदारी जिला प्रशासन की होगीl