धान उपार्जन के बीच हाथियों का खतरा, चचिया केंद्र में दहशत
नमस्ते कोरबा :- जिले में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का काम इस वर्ष भी चुनौतियों के बीच आगे बढ़ रहा है। सामान्य क्षेत्रों में किसानों की उपस्थिति के साथ खरीदी प्रक्रिया तेज़ हुई है, वहीं हाथी प्रभावित ग्रामीण अंचलों में स्थित उपार्जन केंद्रों में खतरा बना हुआ है।
जानकारी के मुताबिक वनमंडल कोरबा के कई गांवों में पिछले कुछ दिनों से हाथियों की आवाजाही बढ़ी है, जिसके कारण आदिवासी सेवा सहकारी समितियों पर संचालित उपार्जन केंद्र लगातार जोखिम में काम कर रहे हैं। इसी क्रम में चचिया गांव में पिछले वर्ष दंतैल हाथी द्वारा धान केंद्र की फेंसिंग को नुकसान पहुंचाया गया था और इस वर्ष भी स्थिति में विशेष सुधार नहीं देखा गया।
पिछली शाम फिर एक दंतैल हाथी को चचिया उपार्जन केंद्र के आसपास विचरण करते पाया गया। बताया गया कि हाथी ने धान स्टॉक के समीप लगी वारवेट फेंसिंग का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त कर दिया। इस केंद्र में लगभग 754 क्विंटल धान का स्टॉक मौजूद है। मौके पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था होने के बावजूद हाथियों की मौजूदगी से कर्मियों में डर का माहौल बना रहा।
रात्रि में करीब 7.30 बजे हाथी के स्टॉक की ओर बढ़ने की सूचना पर कुछ कर्मियों ने उसकी गतिविधियों को अपने मोबाइल में दर्ज किया और बाद में प्रयास कर उसे जंगल की ओर खदेड़ा गया।
ग्रामीणों का कहना है कि बीते कुछ दिनों से हाथी लगातार गांवों की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे फसलों के साथ सरकारी संपत्ति और जान-माल को नुकसान का खतरा बना हुआ है। स्थानीय स्तर पर वन विभाग और प्रशासन द्वारा निगरानी बढ़ाने तथा सुरक्षा उपायों को और प्रभावी बनाने की मांग की जा रही है।
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