Wednesday, June 25, 2025

सूरजगढ़ निशान यात्रा की तर्ज पर कोरबा में निकली बाबा श्याम की भव्य निशान यात्रा,सिर पर सिगड़ी रख कर चली महिलाएं

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नमस्ते कोरबा :- श्याम महोत्सव के तहत निकली निशान यात्रा में बाबा श्याम का दर्शन करने श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही। हारे का सहारा, बाबा श्याम हमारा के भजन में झूमते हुए भक्तों ने पुण्य लाभ अर्जित किया। निशान यात्रा की शुरुआत अग्रोहा मार्ग स्थित साई एंक्लेव में पूजा अर्चना करने के पश्चात शुरू हुई,

निशान यात्रा की शुरुआत अग्रोहा मार्ग से शुरू होकर सीतामढ़ी होते हुए पावर हाउस रोड से श्याम मंदिर पहुंची,निशान यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्घालु श्याम ध्वज लेकर शामिल हुए और पदयात्रा की। नगर में भाव विभोर होकर लोगों ने पदयात्रियों का स्वागत किया ।इस दौरान निशान यात्रा में बाबा की झलक पाने के लिए राहगीर भी लालायित हो रहे थे। श्याम मंदिर में निशान चढ़ाते हुए भक्तो ने श्याम बाबा के दर्शन किये। इस निशान यात्रा में नगर की सैकड़ों महिलाओं पुरुषों एवं बच्चों सहित युवा श्रद्धालु लाल, पीले ध्वज निशान लेकर भक्तगण श्याम गुणगान करते हुए शामिल हुए।

क्या है सूरजगढ़ निशान यात्रा :- सूरजगढ़ कस्बे से खाटूश्यामजी निशान आने की परंपरा बता दें कि राजस्थान के झुंझुनूं जिले में हरियाणा बोर्डर पर स्थित सूरजगढ़ कस्बे से खाटूश्यामजी निशान आने की परंपरा विक्रमी संवत 1752 यानी करीब 325 साल पहले अमरचंद भोजराजका परिवार ने शुरू की थी। भोजराजका परिवार के नागेंद्र भोजराजका की मानें तो एक विवाद के चलते अंग्रेजों के जमाने में श्याम बाबा के मंदिर में ताला लगा दिया था। तब सूरजगढ़ से निशान लेकर पहुंचे सांवलाराम के कहने पर भक्त मंगलाराम ने मोरपंख से ताला तोड़ दिया था। उस दिन के बाद से सूरजगढ़ के निशान की मान्यता सबसे ज्यादा बढ़ गई और केवल ये निशान ही बाबा के मंदिर के शिखर पर चढ़ता है।

सिर पर सिगड़ी रखकर चलती हैं महिलाएं :- बता दें कि सूरजगढ़ से श्याम भक्त अनूठे अंदाज में निशान लेकर खाटूश्यामजी पहुंचते हैं, जैसे-जैसे सूरजगढ़ से निशान लेकर पदयात्रा आगे बढ़ती है। वैसे-वैसे पैदल यात्रियों की संख्या में इजाफा हो जाता है। रास्ते में पैदल यात्रियों की सेवा करने वालों में भी होड़ मची रहती है। इस निशान के साथ महिलाएं भी अपने सिर पर सिगड़ी रखकर चलती हैं।इसके पीछे मान्यता है कि जिस महिला ने बाबा के सामने अपनी मुराद रखी और वह पूरी हो गई तो वह पदयात्रा में पूरे रास्ते सिर पर सिगड़ी रखकर पहुंचती है और बाबा को अर्पित करती है। ये महिलाएं पूरे रास्ते बाबा के भजनों पर नाचते-गाते श्रद्धाभाव के साथ पहुंचती हैं।

बाबा श्याम के भक्त सिर पर सिगड़ी रखे होते हैं, जिसमें ज्योत जलती रहती है। कहते हैं कि रास्ते में भले ही आंधी-तुफान या बारिश आए, मगर सिगड़ी में बाबा की ज्योत निरंतर जलती रहती है। ऐसा ही कुछ नजारा आज कोरबा में भी देखने को मिला निशान यात्रा की शुरुआत में हल्की बारिश हो रही थी लेकिन जैसे ही बाबा की ज्योत प्रज्वलित हुई और निशान यात्रा की शुरुआत हुई बारिश बंद हो गई,

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