नमस्ते कोरबा :- कोरबा शहर के हृदय स्थल पर संचालित पीएचसी में आज सुबह लगभग 7:30 बजे दहशत फैल गई जब एक घायल युवक पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। बताया जा रहा है की पुरानी बस्ती निवासी मुन्ना यादव और शफीक खान बस एजेंट का काम करते हैं। आज सुबह इनके मध्य एक साथ शराब पीने के दौरान किसी बात को लेकर विवाद हुआ तो दोनों पुरानी बस्ती रानी रोड के पास एक-दूसरे से भिड़ते रहे। वहां से पुराना बस स्टैंड आकर मारपीट किये। मारपीट में घायल सफीक खान पीएचसी पहुंचा। उसका इलाज शुरू ही हुआ था कि मुन्ना यादव अपने साथी के साथ अस्पताल में घुसा और घायल को मारना शुरू कर दिया। अस्पताल की नर्सों और स्टाफ ने हस्तक्षेप किया तो उन्हें भी मारने के लिए दौड़ाया गया। सभी घबराकर एक कमरे में बंद हो गए। बीएमओ डॉ. दीपक राज को स्टाफ ने जानकारी दी तो वे दौड़ते भागते अस्पताल पहुंचे जहां अस्पताल परिसर में सफीक खान को बुरी तरह पीटा जा रहा था और वह लहूलुहान हालत में था। दीपक राज ने ऐसा करने से मना किया तो उन्हें भी मारने के लिए दौड़ाया गया। डॉक्टर राज ने अस्पताल का एक चक्कर काटते हुए अपनी जान बचाई और बाहर निकलकर चौहान फोटो स्टूडियो की गली में छिपकर अपनी जान बचाई।डॉ. राज ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान अस्पताल के बाहर एक कार आकर रुकी जिसमें से एक युवक कुल्हाड़ी लहराते हुए बाहर निकला था लेकिन फिर वे लोग भाग गए।
कोतवाली में मात्र एक स्टाफ,1 घंटे लगे पहुंचने मेंघटनास्थल पीएचसी से करीब डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर और पुराना बस स्टैंड से करीब 50 मीटर की दूरी पर सिटी कोतवाली स्थित है। डॉक्टर दीपक राज ने बताया कि अस्पताल से एक स्टाफ को थाना से पुलिस बुलाने के लिए भेजा गया था जो लगभग पौन घंटे तक थाना में मौजूद रहा। थाना में मात्र 1 स्टाफ उपस्थित था। पुलिस जब काफी देर तक नहीं पहुंची तो डायल 112 से संपर्क किया गया। रायपुर के जरिए संपर्क होने पर डायल 112 की टीम को भी आने में वक्त लग गया और जब तक पुलिस व 112 की टीम पहुंची तब तक यहां दहशतगर्दी का नंगा नाच होता रहा। डायल 112 की टीम के पहुंचते ही आरोपी फरार हो गए।

अस्पताल में नशे में धुत लोगों के द्वारा मचाई गई दहशत गर्दी से पूरा स्टाफ दहशत में है। जान माल की सुरक्षा को लेकर इनमें भय व्याप्त है। आक्रोशित समस्त स्टाफ ने ओपीडी बंद कर अस्पताल परिसर में प्रदर्शन शुरू कर दिया है। डॉक्टर दीपक राज ने कहा है कि शाम 5 बजे से सुबह 9 बजे तक यहां सुरक्षा के लिए गार्ड की व्यवस्था होनी चाहिए। वैसे भी अक्सर शाम से रात के वक्त नशे में धुत लोग यहां आकर इलाज कराने के साथ-साथ उत्पात भी मचाते हैं लेकिन सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। क्या कोई बड़ी घटना घट जाने के बाद सुरक्षा दी जाएगी तो फिर उसका क्या औचित्य ?







