कोरबा का श्रवण कुमार 60 साल के बेटे का अपनी मां के प्रति प्रेम देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे,देखिए यह खास खबर
नमस्ते कोरबा :- आपने हिंदू धर्म ग्रंथों में त्रेता युग की कई कहानियां पढ़ी होंगी, जिनमें श्रवण कुमार के अंधे माता-पिता को कांधे पर बिठाकर तीर्थाटन कराने का जिक्र है.लेकिन आज हम आपको कोरबा के श्रवण कुमार की कहानी बताने जा रहे हैं जो अपनी 80 वर्ष की बूढी मां को गोद में लेकर चलता है,
श्रवण कुमार ने अपने अंधे माता पिता को कांवर में उठाकर चारों धाम के दर्शन कराए थे। वहीं कोरबा में भी एक श्रवण बेटा है जो अपनी बुजुर्ग माता को बच्चों की तरह गोद में उठाकर बाजार हाट, हॉस्पिटल व अन्य स्थान लेकर जाता है। एक पल के लिए मां को अकेला नहीं छोड़ता। 60 साल के बेटे का मातृ प्रेम देखकर आप भी हैरान हो जायेंगे।
बुजुर्ग मां को गोद में उठाकर बाजार घुमाने ले जाता ये सख्श सोनपुरी गांव में रहने वाले बंधन सिंह है। बंधन सिंह ने अपना जीवन मां की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है। 80 साल पूरे कर चुकी समारीन बाई के शरीर में पहले जैसी ताकत नहीं बची। इसलिए बंधन सिंह इन्हें अपनी गोद में उठाकर हर जगह ले जाता है जहां मां चाहती है।
ढाई दशक पहले बंधन सिंह के सिर से पिता का साया उठ गया। तब से इस टूटे फूटे घर में दोनों रहते आ रहे है। रोजी मजदूरी करके घर चला रहे थे। मां 80 साल हो गई ऐसे में इन्हें अकेले छोड़ना संभव नहीं है। मां के लिए खाना बनाना, कपड़े धोने के अलावा सभी काम बंधन सिंह की करता है। हर सप्ताह मां को गोद में लेकर बाजार घुमाने भी जाता है। सतरेंगा रोड पर बुजुर्ग बेटे की गोद पर बुजुर्ग मां को सफर करते देखकर हर किसी की निगाहे ठहर सी जाती है।
गरीब मां बेटे को सरकारी राशन के अलावा और कोई सुविधा मिलती। सड़क पर पैदल चलते बंधन सिंह और समारीन बाई के हालत से कलेक्टर से लेकर जनप्रतिनिधि भी वाकिफ है। मगर किसी को तरस नहीं आया। हालांकि बंधन सिंह को मां की सेवा करने के लिए किसी की मदद नहीं चाहिए। मां के साथ ये श्रवण बेटा बेहद खुश है।