Secl के अधिकारी पहुंचे थे मकानो की नापी करने, करना पड़ा ग्रामीणों के विरोध का सामना
NAMASTE KORBA :- भू अर्जन के 63 साल बाद secl मानिकपुर माइंस का विस्तार करने शुक्रवार को भिलाई खुर्द क्रमांक 1 के मकानो की नापी करने पहुंचे secl के अधिकारियों को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा,
तहसीलदार की मौजूदगी में प्रभावितों के साथ कंपनी प्रबंधन की चर्चा जरूर हुई लेकिन बैठक कर मांगों पर चर्चा किए बगैर गांव खाली करने प्रभावित ग्रामीण राजी नहीं हुए, इसके बाद गांव की परिसंपत्तियों का मूल्यांकन किए बगैर secl अधिकारियों को वापस जाना पड़ा
जानकारी के लिए बता दें कि लगभग 63 साल पहले दादर खुर्द,रापाखर्रा, भिलाई खुर्द,ढेलवाडीह कर्रानारा बरबसपुर की जमीन अधिग्रहित की गई थी,
भिलाई खुर्द क्रमांक 1 में लगभग 32 परिवार रहते हैं जिनके मकानो, कुएं एवं पेड़ पौधों का सर्वेक्षण करने secl अफसर की टीम शुक्रवार दोपहर 1:00 बजे गांव पहुंची ग्रामीणों के विरोध पर तहसीलदार के मौजूदगी में चर्चा भी हुई भू स्थापित कल्याण समिति ने बेरोजगारों को खदान में रोजगार के लिए नियोजित करने की मांग की है यह मांग पूरा होने पर ही गांव खाली करने की बात पर ग्रामीण अड़ गए
भू स्थापित कल्याण समिति के अध्यक्ष कृष्ण द्विवेदी ने बताया कि ग्रामीणों की मांग पूरी हो इसके लिए प्रबंधन के साथ बैठक हो, साल 1960 में गांव की जमीन अर्जन कर लेने का रिकॉर्ड दिखाया गया है लेकिन ग्रामीण इतने वर्षों से गांव में रह रहे हैं उनकी मांग बेरोजगार युवाओं को खदान में नियोजित निजी कंपनियों में रोजगार दिलाने की है इसके लिए कई बार प्रबंधन का ध्यान आकृष कराया गया है,
वही इस मामले में कोरबा एसडीएम श्रीकांत वर्मा का कहना है कि भिलाई खुर्द की जमीन पहले से ही अधिग्रहित की गई है. यहां पर लोग अभी भी मकान बनाकर रह रहे हैं सर्वे के दौरान विरोध सामने आने पर उनसे चर्चा की जा रही है उनकी क्या मांगे हैं उस पर विचार करते हुए प्रबंधन से चर्चा की जाएगी ग्रामीणों की समस्या का समाधान हो जाए इसके लिए प्रयास किया जा रहा है,
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