बच्चे अपने हाथों पर पाम्पलेट,बैनर व पार्टी का झंडा लिए कोरबा की सड़कों पर गली-गली खुलेआम कर रहे हैं पार्टी का प्रचार
नमस्ते कोरबा :- सरकार ने बालश्रम कानून बना रखा है। कानून का अनुपालन कराने के लिए बराबर बाल संरक्षण पदाधिकारी, श्रमप्रवर्तन पदाधिकारी और पुलिस को निर्देश देती है। बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के लिए स्वयंसेवी संगठन लगी हुई है। लेकिन इधर पिछले एक पखवारा से शहरी क्षेत्र में बाल श्रम कानून का उल्लंघन हो रहा है। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जिन्हें यह कानून का अनुपालन कराना है। वह बिल्कुल मौन है। प्रशासनिक अधिकारी मौन रहने का लाभ विधानसभा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार व उनके समर्थक उठा रहे हैं। कुछ इसी तरह का नाजारा इन दिनों शहरी क्षेत्र में देखने को मिल रहा है।
इस दौरान बच्चे अपने हाथों पर पाम्पलेट, बैनर व पार्टी का झंडा लिए कोरबा की सड़कों पर गली-गली खुलेआम दस्तक दे रहे हैं। जब कोरबा के कुछ लोगों से बातचीत की तो उन्होंने अपना नाम नहीं छापने के आग्रह पर बताया कि कोरबा की सड़कों पर इन दिनों छोटे-छोटे बच्चों को कुछ पैसे देकर कई दलों के प्रत्याशी व उनके कार्यकर्ता अपनी पार्टियों का प्रचार करवा रहे हैं। चुनाव आयोग के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद खुलेआम सड़कों पर बैनर पोस्टर और हाथों में पाम्पलेट लिए इन बच्चों पर प्रशासन भी पूरी तरह मेहरबान है।
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यह सब तब भी हो रहा है जब चुनाव आयोग पूरी सख्ती के साथ बच्चों को चुनाव प्रचार में नहीं लगाने का स्पष्ट आदेश जारी कर चुका है। लेकिन विधानसभा चुनाव में कई दलों के प्रत्याशी चुनाव आयोग के उक्त आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए खुलेआम बच्चों से चुनाव का प्रचार-प्रसार करवा रहे हैं। कई दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा इन अबोध बच्चों से रैलियों में अपनी और पार्टियों का प्रचार-प्रसार की दृष्टि से झंडे बैनर उठवाने का काम करवाया जा रहा है।