विश्व पटल पर कोरबा की पहचान बना सकता है यह 1400 साल पुराना वृक्ष,कोरबा के सतरेंगा में है स्थित
नमस्ते कोरबा :- प्रकृति की गोद में बसे कोरबा में भारत के सबसे पुराने जीवित वृक्षों में से एक साल का विशालकाय पेड़ मौजूद है. इस महावृक्ष को देखते ही लोगों की आंखें खुली की खुली रह जाती हैं. देवतुल्य मानकर इस महावृक्ष की पूजा करके ही स्थानीय ग्रामीण किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करते हैं.
1400 साल पुराने महावृक्ष को देखने हर साल दूर-दूर से हजारों पर्यटक यहां आते हैं. लोक आस्था और महावृक्ष के संरक्षण के लिए वन विभाग की टीम यहां हमेशा इसकी सुरक्षा में तैनात रहती है. जानकारी केेे मुताबिक इस महावृृक्ष की परिधि 22 फीट एवं 7.01 फिट का व्यास हैै,
1400 साल पुराना साल का वृक्ष कोरबा से 45 किलोमीटर दूर ग्राम सतरेंगा में आसमान को छूते हुए खड़ा है. इस वृक्ष को गांव वाले देवतुल्य मानकर इसकी पूजा करते हैं. कोई भी शुभ कार्य करने से पहले इस पेड़ का आशीर्वाद लेते हैं. गांववालों की कई पीढ़ियों ने इस पेड़ को देखा है, इसलिए वे इस पेड़ में अपने पूर्वजों की यादों को देखते हैं.साल छत्तीसगढ का राजकीय वृक्ष है,जानकारों का मानना है कि सतरेंगा स्थित साल के वृक्ष को भी देश में पहचान मिलनी चाहिए,क्योंकि यह सिर्फ एक वृक्ष नहीं हमारी धरोहर है हमारी पहचान है, इसके छांव में खड़े होकर इसे सहेजने और इसकी कहानी आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने का संकल्प ले.
वीडियो सहयोग :- कोरबा वन मंडल एवं नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी कोरबा