Tuesday, July 1, 2025

हाथियों के एक मुश्किल रेस्क्यू को वन विभाग के अधिकारियों की सूझबूझ से सफलतापूर्वक पूरा किया गया

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हाथियों के एक मुश्किल रेस्क्यू को वन विभाग के अधिकारियों की सूझबूझ से सफलतापूर्वक पूरा किया गया

नमस्ते कोरबा :- हरदीबाजार से हाथियों का दल शुक्रवार को सर्वमंगला मंदिर के समीप पहुंच गया था। अब इस हाथी के दल को जंगल की ओर पहुंचाना वन विभाग के लिए चुनौती बना हुआ था। रिहायशी क्षेत्र में हाथियों के दस्तक से वन विभाग की मुश्किलें बढ़ गई थी। लेकिन वन विभाग की टीम ने शुक्रवार को सुबह से देर रात तक काम किया और अपनी सूझबूझ का परिचय दिया जिसके चलते हाथी के दल का सफल रेस्क्यू हो गया और वे सकुशल अब जंगल पहुंच गए हैं। लेकिन रायगढ़ से लेकर सक्ती, जांजगीर-चांपा समेत बिलासपुर के वन अमले को छका चुके हाथी दल को वापस उनके पुराने ट्रैक की ओर भेजना आसान नहीं था इसके लिए कई विभाग से कम्युनिकेशन बनाकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया पड़ा।

 

हाथियों को जंगल पहुंचाने के लिए वन विभाग और पुलिस ने पूरी प्लानिंग की। सबसे पहले 1 घंटे के लिए कोरबा-चांपा मुख्य मार्ग को बंद करना पड़ा और सारे गाड़ियों के लाइटों को भी पूरी तरह से बंद कराया गया। संभावित रूट में स्ट्रीट लाइट भी बंद कराया गया। साथ ही रेलवे प्रबंधन से कम्युनिकेशन किया था ताकि हाथियों के दल को बिना बाधा के रेलवे ट्रैक को पार कराया जा सके। वह इसलिए कि हर 5 मिनट में रेलवे ट्रैक से मालगाड़ी गुजरती है। ऐसे में हाथी मालगाड़ी देखकर या इसके आवाज से लौट सकते थे या फिर उनके ट्रैक पार करते समय बड़ा हादसा हो सकता था। कोरबा वन मंडल अधिकारी अरविंद पी व एसडीओ आशीष खेलवार कोरबा वन परिक्षेत्र अधिकारी सियाराम करमाकर व उनकी टीम के जिम्मे हाथियों के दल को सकुशल जंगल पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं था। हाथियों को कैसे करतला रेंज में उनके रहवास वाले जंगल की ओर भेजा जाए, इसके लिए वन विभाग के पूरे अधिकारी-कर्मचारियों की टीम ने बिसात बिछाई। सर्वमंगला की ओर से धीरे-धीरे कर हाथियों को खदेड़ना शुरू किया। रात लगभग 11:00 बजे हाथियों का दल बरबसपुर के पास पहुंचा, जहां हाथियों का दल सड़क को पार नहीं कर रहा था। जिसके उपरांत वन विभाग के अधिकारियों ने अपनी सूझबूझ का परिचय दिखाया और कोरबा-चांपा मुख्य मार्ग को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। सभी वाहनों के लाइट को भी बंद कराया गया। तब जाकर रात लगभग 11:30 बजे हाथियों का दल बरबसपुर के समीप सड़क को पार कर आगे बढ़ा। जिसके बाद रेलवे ट्रैक को पार करना किसी चुनौती से कम नहीं था।

कोरबा वन मंडल अधिकारी (डीएफओ) अरविंद पी व एसडीओ आशीष खेलवार ने रेलवे प्रबंधन से लगातार कम्युनिकेशन किया ताकि रेलवे ट्रैक को पार करते समय कोई अप्रिय घटना ना हो। वही रेलवे प्रबंधन ने भी वन विभाग का बखूबी साथ निभाया। इस दौरान देर रात हाथियों का दल को रेलवे ट्रैक को पार करने की आवश्यकता नहीं पड़ी। बरबसपुर के पास रेलवे द्वारा निर्माण किए गए अंडर ब्रिज से हाथी दल ने आसानी से रेलवे ट्रैक को पार कर लिया। जिसकी वजह से वन विभाग ने राहत की सांस ली। जिसके उपरांत तड़के लगभग 4:00 बजे हाथियों को आगे भैसमा के जंगल की ओर खदेड़ा गया। अब मौजूदा स्थिति में हाथियों का दल क्षेत्र के जंगल में आराम फरमा रहा है। पूरी रात वन विभाग की टीम लगी रही जिसका नतीजा है कि अब हाथी पूरी तरह से सुरक्षित जंगल पर पहुंच चुके हैं, अन्यथा सड़क एवं रेलवे ट्रैक को पार कराना किसी चुनौती से कम नहीं था। जिस तरह से वन विभाग की टीम ने 24 घंटे कड़ी मेहनत की और सूझबूझ का परिचय दिखाया जिससे हाथियों का दल पूरी तरह से सुरक्षित नजर आ रहा है।

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