
इसी कड़ी में दर्री बराज मार्ग में स्थानीय लोगों ने हाथों में तख्तियां लेकर श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया। युवतियों और युवकों के द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन में नारेबाजी के साथ पूछा जाता रहा कि कलेक्टर मैडम, यह सड़क कब बनेगी? महापौर से गुहार लगा रहे हैं कि महापौर जी सड़क बनवा दो..।जिले के प्रारंभ से लेकर अंतिम सीमा तक लोग सड़क की मार झेल रहे हैं। बारिश में सड़कों पर अनगिनत गड्ढे, गड्ढों में भरा पानी, कहीं-कहीं तो छोटी-छोटी डाबरियाँ और इनमें हिचकोले खाते बड़े वाहन और दाएं- बाएं से बचकर निकलने की कोशिश करते दुपहिया चालक और पैदल राहगीरों के गुजरने का नजारा आम है। यहां यह गौर करने वाली बात है कि जिले में कद्दावर और लोकप्रिय नेताओं की कमी नहीं किंतु उनकी भी बातों को कहीं न कहीं अनसुना कर दिया जा रहा है जिसका खामियाजा जनता के साथ वे खुद भी भुगत रहे हैं। इमली छापर कुसमुंडा से लेकर हरदी बाजार भिलाई बाजार होते हुए आगे जाने वाली सड़क हो, बांकीमोंगरा की सड़क हो या कटघोरा क्षेत्र में बीरबल की खिचड़ी की तरह निर्माणाधीन गौरव पथ हो या पाली क्षेत्र की सड़क, इनके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों अभी हाल बेहाल है।








