नमस्ते कोरबा :-: जिला अस्पताल अगर रविवार को जाएं तो अपनी जिम्मेदारी पर जाएं क्योंकि रविवार को आपातकालीन सेवा में कार्यरत डॉक्टर भी छुट्टी पर रहते हैं काफी मान मनोबल करने के बाद ही मरीज को देखने की फितरत उठाते हैं,
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए विभाग के मंत्री टीएस सिंह देव अपनी और से लगातार जतन कर रहे लेकिन कुछ इलाकों में स्थिति ऐसी है कि स्वास्थ अमला व्यवस्था को अच्छा करने की मानसिकता में है ही नहीं। कोरबा का आईएसओ सर्टिफाइड जिला अस्पताल भी इसी कड़ी में शामिल होते जा रहा है। यहां पर पोषण पुनर्वास केंद्र में काफी दिनों से भर्ती 11 वर्षीय वर्षा महंत को एक चिकित्सक के रवैया के कारण काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। बालिका को सिकलसेल एनीमिया नामक बीमारी है जिसमें उसे रक्त की कमी हो जाती है एवं निश्चित समय पर रक्त चढ़ाना पड़ता है ऐसी गंभीर अवस्था में भी डॉक्टरों की लापरवाही बालिका के लिए जानलेवा साबित हो सकती थी
वर्षा के पिता सिद्धार्थ महंत ने बताया कि इस समस्या को देखते हुए हम अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं और समय पर रक्त की व्यवस्था भी करा रहे हैं, लेकिन इलाज के लिए यहां के डॉक्टर आनाकानी करने पर तुले हुए हैं। उन्होंने इस मामले को स्वास्थ्य मंत्री जिले के विधायक एवं राजस्व मंत्री और जिला कलेक्टर के सामने भी रखने की बात कही जिससे आगे किसी को किस प्रकार की परेशानियों का सामना ना करना पड़े,
अनेक मौकों पर जिला अस्पताल की व्यवस्था को लेकर प्रशासन के द्वारा भी नाराजगी जताई जा चुकी है और सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन इतना सब होने पर है बहुत ज्यादा नतीजे सामने नहीं आ सक रहे हैं। सवाल इस बात का है कि जब हर तरह के संसाधन जिला अस्पताल को देने का काम जारी है जो यहां के डॉक्टर और कर्मचारियों के रवैए को क्यों नहीं सुधारा जा रहा है,