नमस्ते कोरबा :-; छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश सरकार ने वादाखिलाफी एवं विश्वासघात की सारी हदों को पार कर दिया है ।कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से ही चल रहे अघोषित बिजली कटौती से प्रदेश की जनता बुरी तरह परेशान है ।फिर कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र में किए अपने घोषणा में एक बार और पलटते हुए बिजली बिल में भी बेतहाशा वृद्धि कर दी है। कोरोना के इस संकट में कांग्रेस सरकार द्वारा की गई इस वृद्धि से प्रदेश की जनता एक बार फिर से ठगा हुआ महसूस कर रही है। प्रदेश के एक बड़े हिस्से में सूखे जैसा संकट भी है । ऐसे में इस मूल्य वृद्धि और कटौती से किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं । सभी के लिए बिजली बिल हाफ करने की घोषणा के साथ सत्ता में आने वाली कांग्रेस पहले तो अपने इस वादे से ही पलट गई । उसने केवल घरेलू उपभोक्ताओं के लिए मात्र 200 यूनिट पर बिजली बिल आधा किया और अब उस नाम मात्र की छूट को भी उसने इस मूल्यवृद्धि के द्वारा लगभग वापस ले लिया है । भाजपा शासन के समय सरप्लस बिजली वाला प्रदेश छत्तीसगढ़ आज अघोषित बिजली कटौती के कारण अंधेरे में रहने को मजबूर है।
किसानों को खेती के लिए, तो उद्योग धंधों को भी अपनी जरूरत के लिए अब यहां बिजली मिलना मुश्किल हो गया है। अनाप-शनाप बिजली बिल से भी जनता परेशान है । बिजली विभाग को ऐसा अक्षम और असंवेदनशील बना दिया है कि खेत में काम करते हुए किसान और उसके बैलों के ऊपर बिजली का तार गिर गया जिससे किसान और बैलों की मौत हो गई । फिर भी सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ा । उन्होंने अपनी कार्यप्रणाली में भी कोई सुधार नहीं किया है । सरकार समर्थित माफियाओं के कारण रेत सीमेंट आदि की कीमत भी आसमान छू रही है। ऐसे में इस एक और मूल्य वृद्धि ने प्रदेश की जनता को कहीं का नहीं छोड़ा है।

विपक्ष द्वारा बार-बार ध्यान दिलाए जाने के बावजूद काग्रेस सरकार हठधर्मिता पर उतारू है। यही वजह है कि भाजपा द्वारा कांग्रेस सरकार के विरुद्ध महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया । भाजपा ने महामहिम से निवेदन किया है कि राज्य की कांग्रेस सरकार को मूल्य वृद्धि वापस लेने और बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से बहाल करने निर्देशित करें ।प्रदेश हित में ऐसा करना अति आवश्यक है।







