नमस्ते कोरबा :- लोकतंत्र में जनता मालिक होती है और आम जनता 5 साल में एक बार मतदान के समय अपने जनप्रतिनिधि को वोट देकर अपने क्षेत्र के लिए एक चौकीदार, यानी पंच, सरपंच, पार्षद, महापौर, विधायक, और सांसद चुनकर मालिक होने की पूरी ताकत इन चौकीदारों यानी जनप्रतिनिधियों के हाथों दे देते हैं।
और हमारे जनप्रतिनिधि हमारी ही वोट की ताकत से पार्षद,विधायक,सांसद बनकर आम जनता यानी अपने मालिक का ही शोषण करने लगते हैं।
इसका जीता जागता नमूना यह तस्वीर है जो आप देख रहे हैं। डेंगूनाला बाल्को जिला कोरबा की शानदार सड़क।

यह तस्वीर है रिसदी से बालको जाने वाले बाईपास पर बने पुल के ऊपरी हिस्से की आप तस्वीर में देख सकते हैं कि कैसे पूल के बीचो बीच बड़ा गड्ढा हो गया है, इस मार्ग से चौबीसों घंटे भारी वाहनों का आवागमन हो रहा है पुल इतनी जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है कि कभी भी कोई गंभीर दुर्घटना हो सकती है जिस पर ना तो जिला प्रशासन का ध्यान गया ह है और नाही औद्योगिक उपक्रमों का जिनकी वाहन लगातार इस पुल से आवागमन कर रही है,
ऐसा नहीं है कि केवल जिनके हाथों में सत्ता है वही इसके जिम्मेदार है,विपक्ष भी अपने जिम्मेदारियों से जिले में मुंह मोड़ चुका है, विपक्ष के नेता केवल अपना चेहरा चमकाने में लगे हुए हैं उन्हें आम जनता की तकलीफों से कोई भी सरोकार नहीं, ऐसे जरूरी और ज्वलंत मुद्दों पर सत्ता पक्ष और औद्योगिक उपक्रमों का विरोध करना विपक्ष के नेता जरूरी नहीं समझते,मामला जो भी हो जिला प्रशासन और औद्योगिक उपक्रमों को इस पर संज्ञान लेकर तत्काल इस पुल की मरम्मत करानी चाहिए जिससे किसी प्रकार की दुर्घटना ना घटे और कोई जनहानि ना हो