नमस्ते कोरबा :-: जिला कलेक्टर कार्यालय एवं तहसील में लोगों की भीड़ लगी है. लोग चिटफंड कंपनी से धन वापसी के लिए आवदेन करने पहुंचे है. बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने चिटफंड कंपनियों पर लगाम कसना शुरू कर दिया है, लेकिन अभी यह नहीं पता चल पाया कि आखिर कितने निवेशकों ने अपने खून पसीने की कितनी धनराशि इन कंपनियों मेें जमा की है। इस आंकड़े का पता लगाने के लिए छत्तीसगढ़ शासन ने पहल की है। उन्होंने सभी जिले के कलेक्टर और एसपी को आदेशित किया है कि वह 2 से 6 अगस्त के बीच जागरुकता अभियान चलाएं और एक विशेष प्रारुप मेे निवेशकों से यह जानकारी लें कि आखिर उन्होंने किन-किन चिटफंड कंपनियों में कितनी-कितनी धन राशि जमा की है. जबकि जानकारों का कहना है कि यह आंकड़ा इससे दोगुना से भी अधिक है,

इसी कड़ी में कोरबा जिला कलेक्टर के द्वारा भी आदेश जारी कर आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. लेकिन विगत 2 दिनों से जिला कलेक्टर कार्यालय एवं तहसील कार्यालय में जिस हिसाब से भीड़ उमड़ रही है. वह चिंतनीय विषय है आपको बता दें कि 2 दिन पूर्व ही कलेक्टर कोरबा द्वारा कोरोना को लेकर कड़े निर्देश जारी किए गए थे जिनकी खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रहे हैं , इतना तो तय है चिटफंड कंपनियों से पैसा मिलना भविष्य के गर्भ में छिपा है लेकिन वर्तमान में लोगों की लापरवाही कोरबा जिला के लिए बहुत भारी पड़ने वाली है ,
नमस्ते कोरबा के लिए अजय अग्रवाल







