गरियाबन्द जिले के आदिवासी विकासखंड मैनपुर के ग्राम पंचायत कांडेकेला में जब गांव के विकास के लिये आए रुपये को सरपँच सचिव ने बंदरबांट कर दिया,कलई खुली तो पूरा गांव कार्यवाही कराने लामबद्ध हो गया।ग्रामीण अंचल में पहली बार किसी घपले की जांच को लेकर ग्रामीणों ने जागरूकता का परिचय दिया है।
गांव के गलियों में चलती ग्रामीणों की यह भीड़ किसी रैली जुलूस या जलसे के लिए नही है,बल्कि घपले की जांच में आये अफसरों को निर्माण स्थलों तक ले जाते आक्रोशित ग्रामीणों का है।कंडेकेला पँचायत के सरपँच सचिव ने सीसी सड़क,नाली व पुलिया निर्माण समेत विभिन्न योजनाओं में 40 लाख रुपये का बंदरबांट कर दिया है। जिला मूख्यालय पहुंच मामले की शिकायत ग्रामीणों ने किया तो जांच ने अफसरों का एक दल गुरुवार को गांव पहुंचा। भरी-भीड़ में पहले सभी जिम्मेदारों का बयान दर्ज किया गया फिर काम कराए बगैर जिन निर्माण कार्यो का रुपये डकारे गए उन स्थलों को जांच दल ने एक एक करके दिखाया। गड़बड़ी करने वालो को हमेशा की तरह बचाने की कोशिश न हो सके इसलिए पूरी जांच प्रकिया में ग्रामीण डटे रहे।
ग्रामीणों के मौजूदगी में जांच शुरू हुई तो घपले के जिम्मेदार सरपँच ,सचिव व रोजगार सहायक कई दलील देकर गड़बड़ी पर पर्दा डालने की कोशिश करते दिखे। पर सारे सबूत लेकर डटे हुए ग्रामीणों के सामने एक नही चली।जिम्मेदारो ने अपनी गलती भी कबूल कर लिया।
जांच हुई ,गलती कबूल भी कर लिया गया पर पँचायत के इस गड़बड़ी में विभाग के अफसर व उन तकनीकी कर्मी भी बराबर के भागीदार है,क्या उन पर भी जांच व कार्यवाही होगी ये आने वाला समय ही तय करेगा।
गरियाबंद से दीपक गर्ग की रिपोर्ट







