पंचायत सचिव संघ की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी,संघ ने वापसी के बजाए आंदोलन को और तेज किया
नमस्ते कोरबा : पंचायत सचिव संघ शासकीयकरण की मांग को लेकर ब्लाक मुख्यालयों में अनिश्चितकालीन प्रदर्शन पर पिछले एक सप्ताह से बैठे हुए हैं। हड़ताल समाप्त कर वापस लौटने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा दिया गया 24 घंटे का अल्टीमेटम शनिवार को समाप्त हो गया, लेकिन कोई संघ ने वापसी के बजाए आंदोलन को और उग्र कर दिया है।
संघ के आव्हान पर जिले के पंचायत सचिव 17 मार्च से शासकीयकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। ऐसी स्थिति में शासन के आदेश पर जिले में भी पंचायत सचिवों को नोटिस जारी कर 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया था। उक्त अल्टीमेटम शनिवार की शाम को समाप्त हो गया, लेकिन पंचायत सचिव संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त नहीं किया है।
24 घंटे में वापसी के लिए जारी नोटिस में जिला पंचायत ने पंचायत सचिवों को नियमों से अवगत कराते हुए बताया है कि सेवा शर्तो के अनुसार कोई भी पंचायत सचिव अपनी सेवा व किसी अन्य पंचायत सेवक के सेवा संबंधि किसी मामले में न तो हड़ताल का सहारा लेगा न ही किसी प्रकार से उसे अभिप्रेरित करेगा। इस नोटिस में उक्त उप नियम का हवाला देते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया गया है।
इस नोटिस के बाद संघ ने उग्र आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है। एक ओर जहां संघ उग्र आंदोलन करने की तैयारी में है तो वहीं दूसरी ओर शासन पंचायत सचिवों पर कार्रवाई की तैयारी में दिख रही है। पंचायत सचिवों ने आदेश की प्रतियां भी जलाई थी। अब पीएम मोदी के दौरे के दौरान भी आवाज बुलंद करने की तैयारी है।
17 मार्च के पूर्व पंचायत सचिव त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में व्यस्त रहे हैं, जिसके कारण जनपद पंचायतों में पूरा काम-काज ठप रहा है। चुनाव समाप्त होने के बाद अब अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण न तो रूके हुए कार्य हो रहे हैं न ही नया कोई कार्य हो रहा है कुल मिलाकर देखा जाए तो पंचायतों में कामकाज ठप हो गया है।