ऐतिहासिक शोभायात्रा, जयकारों और श्रद्धा के सागर में डूबा शहर, कोरबा बना झुंझुनू धाम
नमस्ते कोरबा :- उर्जा नगरी कोरबा पूरी तरह भक्ति, श्रद्धा और उत्साह के रंग में रंग गई। नमो नारायणी, कोरबा के तत्वावधान में आयोजित 39वाँ श्री नारायणी ‘नमो नमो’ भजनोत्सव का शुभारंभ भव्य शोभायात्रा के साथ हुआ। दादी जी के जयकारों से पूरा शहर गूंज उठा और कोरबा मानो कुछ समय के लिए राजस्थान की झुंझुनू नगरी में तब्दील हो गया।
भक्ति की अविरल धारा बनी शोभायात्रा
दादी जी की दिव्य शोभायात्रा पंचदेव मंदिर से विधिवत पूजा-अर्चना के बाद प्रारंभ हुई। शोभायात्रा ओवरब्रिज के नीचे से रेलवे क्रॉसिंग पार करती हुई पॉवर हाउस रोड, सुनालिया पुल से होते हुए पार्किंग मार्ग द्वारा जश्न रिसोर्ट, राताखार रोड पहुँची।
हाथों में सती दादी के नाम के निशान, सिर पर चुनड़ी और मुख पर श्रद्धा लिए महिलाएँ व पुरुष अनुशासित पंक्तियों में भजन-कीर्तन करते हुए आगे बढ़ते रहे। ढोल-नगाड़ों की गूंज, पुष्पवर्षा और भक्ति संगीत ने माहौल को भक्तिमय बना दिया।
जयकारों से गूंज उठा कोरबा
“राणी सती दादी की जय”, “नमो नारायणी माता की जय” के गगनभेदी जयकारों से पूरा कोरबा शहर गुंजायमान हो उठा। शोभायात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं ने घरों और दुकानों के सामने दीप प्रज्वलित कर दादी जी का स्वागत किया। विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों द्वारा श्रद्धालुओं के लिए जलपान और प्रसाद की व्यवस्था भी की गई।
जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति
दादी जी की पालकी यात्रा में पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, महापौर संजू देवी राजपूत, भाजपा जिला अध्यक्ष गोपाल मोदी, हितानंद अग्रवाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और गणमान्य नागरिक शामिल हुए। सभी ने दादी जी के चरणों में शीश नवाकर प्रदेश और जिले की सुख-समृद्धि की कामना की।
महा मंगलपाठ और विशेष आयोजन
भजनोत्सव के अंतर्गत 27 एवं 28 दिसम्बर 2025 को विविध धार्मिक आयोजन होंगे।
28 दिसम्बर 2025 को कोलकाता से पधारे श्री सौरभ मधुकर एवं श्री केशव मधुकर द्वारा महा मंगलपाठ की भव्य प्रस्तुति दी जाएगी। इसके साथ ही छप्पन भोग, भजन उत्सव, अखण्ड ज्योत एवं चुनड़ी उत्सव जैसे विशेष धार्मिक कार्यक्रम श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहेंगे।
भक्ति में सराबोर रहा माहौल
जश्न रिसोर्ट परिसर में दादी जी के दरबार को भव्य रूप से सजाया गया है। रंग-बिरंगी रोशनी, पुष्प सज्जा और सुगंधित धूप-दीप के बीच श्रद्धालु दादी जी की भक्ति में लीन नजर आए। आयोजकों के अनुसार, यह भजनोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक परंपरा को भी सशक्त करता है।निश्चय ही 39वाँ श्री नारायणी ‘नमो नमो’ भजनोत्सव कोरबा के धार्मिक इतिहास में एक यादगार अध्याय बन गया है।







