कोरबा में रेत माफिया की दबंगई चरम पर, प्रशासनिक चुप्पी से बढ़ा हौसला
नमस्ते कोरबा :- कोरबा जिले में रेत माफियाओं का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इमली डुग्गू, सीतामढ़ी और आसपास के रेत घाटों से हर दिन सैकड़ों ट्रैक्टर और टिप्पर खुलेआम रेत भरकर शहर की सड़कों पर दौड़ते हुए देखे जा रहे हैं। खनिज विभाग और पुलिस-प्रशासन की मौन भूमिका ने माफियाओं का हौसला इतना बढ़ा दिया है कि वे अधिकारियों को चुनौती देते हुए यहां तक कहने लगे हैं “जितनी खबर बनाना है बनाओ, धंधे पर कोई फर्क नहीं पड़ता।”
गौ माता चौक के पास बने उद्यान और नहर किनारे भारी मात्रा में रेत का अवैध भंडारण खुलेआम जारी है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह अवैध कारोबार बिना प्रशासनिक संरक्षण के असंभव है। नागरिकों ने कहा कि “नीचे से ऊपर तक सेटिंग के बिना इतनी बड़ी मात्रा में अवैध उत्खनन और परिवहन नहीं हो सकता।”

नदी किनारों से अवैध उत्खनन और शहर में रेत के अंबार न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि स्थानीय यातायात, सुरक्षा और स्वास्थ्य पर भी असर डाल रहे हैं। भारी वाहनों की आवाजाही से सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं, जबकि रेत के ढेर धूल प्रदूषण का कारण बन रहे हैं।
गौ माता चौक के उद्यान के पास से लेकर नहर किनारे तक, इमली डुग्गू, सीतामढ़ी सहित जिले के विभिन्न घाटों से सैकड़ों ट्रैक्टर-टिप्पर रेत भरकर शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं और यह कोई रातों-रात की खबर नहीं, बल्कि वर्षों से जारी एक प्रणालीगत लूट है। खनिज अधिकारियों से लेकर स्थानीय प्रशासन तक पर ऐसा लगता है जैसे कोई अदृश्य समझौता हुआ हो: कानून की आवाज दबा दी गई है और रेत माफियाओं ने जिले के विकास, सड़कों और आम आदमी की सुरक्षा को बर्बाद कर दिया है।
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