सत्ता बदली,सरकार बदली परंतु नहीं रुक रहा है रेत का अवैध कारोबार
नमस्ते कोरबा:- बेशक सरकार बदल गई हो, शहर विधायक बदल गए हो कमान किसी की भी हो, अवैध कारोबार के सिलसिले पर कोई असर नजर नहीं आता। कुछ ऐसा ही नजारा शहर की सड़कों पर उस वक्त देखने को मिलता है, जब चौक चौराहों से रेत उड़ाते ट्रैक्टर गुजरते हैं। अवैध उत्खनन और परिवहन का दौर जिस बेधड़क अंदाज में जारी है, उससे ऐसा प्रतीत होता है, मानों रेत घाट से लेकर सड़कों तक सरकार या प्रशासन का नहीं, बल्कि रेत माफिया का ही राज हो। कांग्रेस शासन में जिस दुस्साहसिक ढंग से रेत तस्करों की सक्रियता रही, ताजा काबिज भाजपा की सरकार में भी प्रशासन के बेपरवाह रवैये के चलते इनके हौसले बुलंद दिखाई दे रहे हैं।
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कोरबा के प्रवेश द्वार सीतामढ़ी के पास कोरबा का सबसे बड़ा रेत घाट है। यहां से सर्वाधिक रेत निकाली जाती है। जब रेत निकालना वैध था, तो यहां से प्रतिदिन दर्जनों ट्रैक्टर रेत बाहर निकालकर जरूरतमंदों के निर्धारित स्थान पर पहुंचाई जाती थी, लेकिन पिछले लगभग 3 वर्ष से रेत घाट का आवंटन नहीं किया गया। कोरबा के लोगों को इंतजार है कि कम दामों पर रेत मिले.