प्रधानमंत्री आवास के नाम पर 100 वर्ष की बुजुर्ग महिला के साथ भद्दा मजाक,केवल चार दिवारी खड़ी कर सौंप दिया आवास
*ऐ गुरबत तूने भी इंतेहा कर दी,जिंदगी मोहताज है बादशाहो की*
नमस्ते कोरबा : जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर लेमरू पंचायत के अंतर्गत बालको और लेमरू के बीच में बसा एक गांव भूडूमाटी है। जहां लगभग 10 से 12 पहाड़ी कोरवा परिवार निवासरत हैं,
संबंधित गांव हमारे देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा जनजाति के 12 परिवार का एक छोटा सा बस्ती है,जहां सरकारी योजनाओं के नाम पर सिर्फ छलावा है,न बिजली है,न पानी है,न स्कूल है, और ना अस्पताल के नाम पर कोई डिस्पेंसरी। मुश्किलों से इन परिवार के लोगों का जीवन यापन चल रहा है आने वाले कुछ दिनों में चुनाव है ग्रामीणों का मानना है कि हो सकता है अब उनकी किस्मत बदले,
बालको क्षेत्र के अधिवक्ता एवं जिला सत्र न्यायालय में कार्यरत अब्दुल नफीस खान ने इस क्षेत्र का दौरा किया उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास के नाम पर चार दीवाल खड़ी कर दी गई है, और उस आवास में एक 100 साल की बुजुर्ग माता जी अपने पति के साथ रहती है, कमजोर इतनी हो चुकी है कि न चल सकती न ठीक से बोल सकती है। अफसोस की बात तो ये है कि कुछ महीनो से इनकी आंखों की रौशन भी चली गई है। जिसे स्वास्थ्य लाभ की अत्यंत आवश्यकता है,
इस गांव में पांच साल में एक बार रामपुर विधानसभा के नेता, और उनके समर्थक आते है, वोट लेने के लिए फिर कभी दिखाई नही देते। ग्रामीणों का आरोप है कि राज्य सरकार हो या जिला प्रशासन उनके पास दुनिया भर के संसाधन है चाहे तो इनके गांव एक घंटे में पूरा प्रशासन पहुंच जाए लेकिन कोई झांकने भी नही जाता। गांव के लोग संसाधन विहीन है, स्थिति ऐसी है कि इनको सरकारी राशन लेना होता है तो रात को घर से निकलते है और 22 किलोमीटर पैदल चल कर लेमरू पहुंचते है तब कहीं राशन मिल पाता है।
इन पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोगों को देश के प्रथम नागरिक महामहिम राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र होने का तमगा तो दे दिया गया और उसके बदले न जाने क्या क्या इनसे छीन भी लिया गया।








