Wednesday, June 25, 2025

डीएमएफ शासी परिषद की कार्यशैली को लेकर सांसद ने उठाए सवाल

Must Read

 डीएमएफ शासी परिषद की कार्यशैली को लेकर सांसद ने उठाए सवाल

नमस्ते कोरबा : कोरबा खनन प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिए भारत सरकार के द्वारा जिला खनिज न्यास मद का गठन किया गया है इस संस्थान का स्पष्ट उद्देश्य है कि ऐसे क्षेत्र के प्रभावित लोगों के समुचित विकास जिसमें आवास पेयजल स्वास्थ्य सड़क और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं इसे जिला खनिज न्यास मद के माध्यम से उन लोगों को सुविधा देना है लेकिन इसके उलट एसईसीएल कोयला खदान के प्रभावितों को इसका लाभ नहीं मिलता दिख रहा है,

 कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने कलेक्टर को लिखा पत्र कहा जिस उद्देश्य के लिए शासी परिषद का गठन किया गया उसमें कोई प्राथमिकता ही तय नहीं

इन्हीं सब तथ्यों का उल्लेख करते हुए कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरण दास महंत ने कलेक्टर अजीत बसंत को पत्र लिखा है और कई सवाल उठाए हैं जिनका जवाब जिला प्रशासन के माध्यम से सांसद को दिया जाएगा

कोरबा कलेक्टर को लिखे पत्र में सांसद ने उल्लेख किया है कि भारत सरकार के द्वारा खान और खनिज विकास और विनिमय अधिनियम के तहत वर्ष 2015 के दौरान राज्य सरकारों को डीएमएफ के लिए उनके द्वारा बनाए गए नियमों में प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना को शामिल करने का निर्देश दिया था इस निर्देश के तहत संपूर्ण देश के 23 राज्यों के 640 जिलों को शामिल किया गया था,

उस दौरान विभिन्न मंत्रालय और विभागों वित धारकों से सरकार को सुझाव प्राप्त हुए थे उन सभी सुझावों को परीक्षण के बाद भारत सरकार ने डीएमएफ की राशि का प्रभाव उपयोग सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया था जिसके तहत भारत सरकार ने वर्ष 2024 में प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना लागू की और ऐसे सभी जिलों को इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए आदेशित किया

इस योजना में प्रत्यक्ष रूप से खनन प्रभावित परिवारों को डीएमएफ राशि के तहत न केवल पक्का मकान बनाने का प्रावधान है बल्कि सभी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध करने का प्रावधान है योजना को और प्रभावी बनाने के लिए डीएमएफ शासी परिषद का गठन हुआ इसी के तहत जिला शासी परिषद की तत्कालीन प्रभारी और डिप्टी कलेक्टर ममता यादव ने दावा किया था कि गेवरा कुसमुंडा और दीपिका खदानों से प्रभावित लोगों को जिन गांव में बसाया गया है उनमें से तेरा गांव का चयन जिला खनिज न्यास की राशि से मॉडल ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा और उन गांव के नाम का भी चयन करने का दावा किया गया था इसको लेकर समाचार में खबर भी प्रकाशित हुई थी सांसद ने अपने पत्र में कलेक्टर से सवाल पूछा है कि बताया जाए की इन सभी मॉडल ग्राम का क्या हुआ साथ ही सांसद ने अपने पत्र में 7 अक्टूबर 2024 को एक प्रमुख समाचार पत्र में प्रकाशित खबर का भी हवाला दिया है जिसमें स्पष्ट तौर पर प्रकाशित है कि पुनर्वास ग्राम को खदान प्रभावित गांव की सूची से ही बाहर कर दिया गया है,

जिन गांवों को मॉडल ग्राम बनाने के लिए प्रशासन ने दावा किया था वह भी हकीकत से कोसों दूर है उक्त समाचार पत्र में दावा किया गया है कि कई खदान प्रभावित ग्राम प्रशासन की सूची से ही बाहर कर दिए गए हैं सांसद ने पत्र में लिखा है कि जिला खनिज न्यास राशि का स्पष्ट उद्देश्य खनन गतिविधियों के संचालन के कारण प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो रहे लोगों को प्रथम वरीयता प्रदान करना है लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि इसका गठन हुए लगभग 10 साल हो गए बावजूद प्रभावित लोगों को प्रथम वरीयता तो क्या अंतिम वरीयता क्रम से भी दूर कर दिया गया है सांसद ने खान मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी 16 जनवरी 2024 के कुछ नियमों का भी अपने पत्र में उल्लेख करते हुए कलेक्टर के माध्यम से मांग की है कि जिला खनिज न्यास की राशि का संक्षिप्त उपयोग प्राथमिकता के आधार पर किया जाए और अब तक प्रभावित लोगों के लिए कोरबा जिला प्रशासन के द्वारा किस तरह से इस राशि का उपयोग किया गया है और क्या सुविधा प्रभावित लोगों को उपलब्ध कराई गई हैं उसके संपूर्ण जानकारी दी जाए।

Read more :- बाजार कर लौट रहे व्यक्ति के थैले में सब्जी के साथ आया common carat सांप,

- Advertisement -

सब्सक्राइब करें नमस्ते कोरबा न्यूज़ YOUTUBE चैनल

4,700SubscribersSubscribe
- Advertisement -
Latest News

Korba breaking : सर्वमंगला नगर बरमपुर के पास  नहर में गिरी गाड़ी,कांग्रेस नेता ने लोगों की मदद से गाड़ी में सवार लोगों को निकाला...

Korba breaking : सर्वमंगला नगर बरमपुर के पास  नहर में गिरी गाड़ी,कांग्रेस नेता ने लोगों की मदद से गाड़ी...

More Articles Like This

- Advertisement -