Saturday, August 9, 2025

“डेढ़ साल बाद ‘अपना घर सेवा आश्रम’ में मिला लापता बेटा, मां से मिलते ही छलक पड़े जज़्बात”आप भी देखें भावुक पल

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“डेढ़ साल बाद ‘अपना घर सेवा आश्रम’ में मिला लापता बेटा, मां से मिलते ही छलक पड़े जज़्बात”आप भी देखें भावुक पल

नमस्ते कोरबा : कहते हैं मां की आंखें अपने बच्चे को लाख भीड़ में भी पहचान लेती हैं। ऐसा ही एक भावुक पल कोरबा में देखने को मिला, जब डेढ़ साल से लापता मानसिक रूप से बेटा परदेसी दास अपनी मां और परिवार से मिले,

करतला विकासखंड के कोटेमर गांव का निवासी परदेसी दास महंत मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण डेढ़ साल पहले घर से लापता हो गया था। परिवार ने हर संभव जगह तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। मां-बेटे का मिलन कब होगा, यह अनिश्चित था,लेकिन किस्मत ने आखिरकार परिवार को फिर से एक कर दिया।

जानकारी के मुताबिक डायल-112 पुलिस टीम ने निहारिका घंटाघर क्षेत्र में भटकते हुए परदेसी को देखा और उसे अपना घर सेवा आश्रम में पहुंचा दिया। संस्था ने उसे अपने संरक्षण में रखा, कोरबा और बिलासपुर में उसका इलाज कराया और उसकी देखभाल की।

इसी दौरान करतला के हसदेव एजुकेशन महाविद्यालय, आमपाली तिलकेजा के छात्र अपना घर सेवा आश्रम भ्रमण के लिए पहुंचे। यहां एक छात्र ने परदेसी को पहचान लिया और तुरंत गांव के सरपंच को सूचना दी। सरपंच ने आश्रम पहुंचकर उसकी पहचान की पुष्टि की और परिजनों को खबर दी।

सूचना मिलते ही परदेसी की मां और भाई आश्रम पहुंचे। बेटे को सामने देखकर मां की आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने उसे सीने से लगा लिया, मानो कभी फिर उसे दूर न जाने दें। परदेसी ने भी मां को पहचानते हुए अपने हाथों से उन्हें खाना खिलाया। इस भावुक पल को देख वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं।

परिजनों ने अपना घर सेवा आश्रम के सदस्यों और पुलिस टीम का आभार जताया। उन्होंने कहा कि संस्था की देखभाल और पुलिस की तत्परता के बिना यह संभव नहीं था। भावुक माहौल के बीच परदेसी अपने परिवार के साथ घर लौट गया।

संस्था के सदस्य ने बताया कि वर्तमान में अपना घर सेवा आश्रम में 75 प्रभु जन निवासरत है, जिनके स्वास्थ्य एवं उनकी देखभाल आश्रम के सदस्यों द्वारा की जाती है,समय-समय पर उनका इलाज जिला चिकित्सालय एवं बिलासपुर में कराया जा रहा है, इलाज के पश्चात अगर किसी प्रभु जन को अपने घर का पता अपने परिवार के बारे में कुछ याद आने पर उन्हें उनके परिवार से आश्रम के सदस्यों द्वारा मिलने का प्रयास किया जा रहा है,

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