कोरबा में ट्रेनों की लेट लतीफी लगातार जारी,रेलवे का ध्यान केवल कोयला परिवहन पर.कोरबा को मॉडल स्टेशन से किया बाहर
नमस्ते कोरबा :- कोयला लदान को बढ़ावा देेने की वजह से रेल प्रबंधन ने यात्री सुविधा को दरकिनार कर दिया है। यही वजह से विरोध के बाद भी रेल प्रबंधन के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। कोरबा सांसद एवं विधायक लगातार रेलवे प्रबंधन से यात्री सुविधाओं को बेहतर करने की मांग कर रहे हैं परंतु ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार के द्वारा कोरबा रेलवे स्टेशन को केवल कोयला परिवहन के लिए सुरक्षित कर लिया गया है यात्री गाड़ियों एवं आम जनता के तकलीफों से रेलवे प्रबंधन को कोई सरोकार नहीं है, इसीलिए विगत दिनों प्रधानमंत्री द्वारा मॉडल स्टेशन की जो पूरे देश को सौगात दी गई उसमें से कोरबा रेलवे स्टेशन को बाहर रखा गया है, आश्चर्य की बात यह है कि केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद भी बीजेपी के स्थानीय नेताओं द्वारा कोरबा में रेलवे प्रबंधन द्वारा किए जा रहे हैं सौतेले व्यवहार के प्रति किसी प्रकार का आवाज नहीं उठाया जा रहा है,
यात्री गाड़ियों में सफर करने वाले इस कदर परेशान हो चुके हैं कि समय से पहुंचने वाली गाड़ियां 2 से 3 घंटे लेट पहुंच रही है, मंगलवार की रात को हसदेव एक्सप्रेस को मालगाड़ी निकालने के चक्कर में सरगबुंदिया के पास रोक दिया गया और रेलवे द्वारा सिग्नल फेल होने की जानकारी यात्रियों को दी गई जिससे कि ट्रेन में सफर करने वाले यात्री भड़क गए और जमकर हंगामा हुआ, रेलवे प्रबंधन द्वारा यात्री गाड़ियों की अनदेखी से जनमानस में आक्रोश पनप रहा है जो कभी भी विस्फोटक रूप ले सकता है,







