मैं कोरबा का हृदय स्थल घंटाघर हूं मेरे निर्माण कराने वाले बताएं मेरे निर्माण का औचित्य क्या था,कोरबा का हृदय स्थल घंटाघर तलाश रहा है अपने वजूद को
नमस्ते कोरबा :- कोरबा की शान कहे जाने वाला घंटाघर अपने वजुद को तलाशता हुआ खुद ही थक गया है,कब होगी इसकी घडियो की टिक टिक शुरू,शहर मे इसके बनने के बाद से कई महापौर बदल चूके लेकिन घंटाघर की हालत नही बदली, शाम के वक्त यहां घूमने वाले और घंटाघर परिसर में व्यापार करने वाले व्यापारियों ने बताया कि अगर नगर निगम ध्यान दें तो यहां की सुंदरता बढ़ा सकती है घंटाघर की गाड़ियों को कई साल हो गए खराब हुए लेकिन पता नहीं क्यों नगर निगम इस पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता, कुछ महीनों पूर्व यहां बनाया गया सेल्फी प्वाइंट भी क्षतिग्रस्त हो गया है,
घंटाघर परिसर में लोगों ने अपना व्यापार बढ़ाने के लिए नगर निगम से दुकान खरीदे थे जिसमें परिसर बनने के शुरुआती कुछ सालों तक यहां की स्थिति काफी अच्छी थी परंतु जैसे-जैसे समय बीतता गया नगर निगम का ध्यान घंटाघर से हट गया व्यापारियों ने बताया कि कई बार लिखित शिकायत करने के बाद भी किसी प्रकार का निराकरण करने में नगर निगम के अधिकारी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं,
देश के दूसरे शहरों मे आई लव उस शहर का नाम लिखा हुआ सेल्फी प्वाइंट देखने को मिल जायेगा जिसका संदेश यह है के उस सहर के प्रत्येक नागरिक शहर को प्यार करते हैं, कोरबा शहर में भी शहर के ह्रदय स्थल कहे जाने वाले घंटाघर पर कुछ माह पूर्व नगर निगम द्वारा सौंदर्यकरण को बढ़ावा देते हुए घंटाघर में आई लव कोरबा सेल्फी प्वाइंट का निर्माण करवाया गया था, जिसका संदेश यह था के कोरबा शहर के नागरिक कोरबा को प्यार करते हैं पर अब इस सेल्फी प्वाइंट को देख ऐसा नहीं लग रहा के लोग अपने क्षेत्र जहां वे रहते हैं को प्यार करते है ,
यहां लोग आकर अपने परिजनों दोस्तों के साथ सेल्फी लेने के लिए तत्पर रहते थे एवं अपने दूर रहने वाले परिवार एवं मित्रों को इस प्वाइंट के साथ सेल्फी लेकर भेजते थे पर अब कुछ माह के अंतराल में ही यह जगह सेल्फी प्वाइंट से होर्डिंग प्वाइंट में परिवर्तित हो गया, जिसके कारण महज कुछ माह के भीतर ही लाखो रुपए की लागत से बने सेल्फी प्वाइंट जो की निगम द्वारा सौंदर्य की दृष्टिकोण से घंटाघर में बनवाया गया था अब अपनी अंतिम सांस ले रहा है, न तो इस सेल्फी प्वाइंट का लाइट जलता है और न ही आई लव कोरबा अपने पूर्ण अस्तित्व में है, इसमें बने फव्वारे शायद ही महीने भर चलें हो साथ ही यदि सफाई की बात किया जाए तो शायद ही इस जगह की सफाई होती होगी, ज्ञात हो के निगमायुक्त द्वारा सभी जोन अधिकारी एवं कर्मचारियों को अवैध निर्माण एवं सफाई को लेकर सचेत रहने की बात कही गई है पर यहां की व्यवस्था देख नहीं लगता की इस विषयों पर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी का ध्यान जाता होगा अब देखना होगा की क्या निगम द्वारा लाखों रुपए लागत से बनाए गए आई लव कोरबा सेल्फी प्वाइंट को बचाया जाता है या फिर शहर के ह्रदय स्थल घंटा घर में लगे घड़ी की तरह आई लव कोरबा भी लापरवाही की भेंट चढ़ जाएगा।