कोरबा के इस गांव में पुरानी धारणा के चलते पिछले 150 साल से नहीं मनी होली,क्या है वजह देखें इस खास खबर में
नमस्ते कोरबा :- पूरे जिले में हर साल फाल्गुन के महीने में होली का त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. इस साल 14 तारीक को होली का त्योहार मनाया जाएगा. हर जगह मस्ती का माहौल रहता है पर बता दें कि कोरबा में एक जगह ऐसी भी है जहां पुरानी धारणा के चलते पिछले 150 सालों से होली नहीं मनाई गई.
कोरबा जिले से 35 किलोमीटर की दूरी पर खरहरी नाम का एक गांव है. कहा जाता है कि इस गांव में पिछले 150 सालों से अधिक समय से होली का त्योहार नहीं मनाया गया है. गांव के बुजुर्गों का मानना है कि उनके जन्म के काफी समय पहले से ही इस गांव में होली ना मनाने का रिवाज है.
गांव के बुजुर्गों के अनुसार यहां करीब 150 साल पहले भीषण आग लगी थी. गांव के हालात बेकाबू हो गए थे और गांव भर में महामारी फैल गई थी. इस दौरान गांव के लोगों का भारी नुकसान हुआ था और हर तरफ अशांति फैल गई थी.
मान्यता है कि एक रोज गांव के एक हकीम के सपने में एक देवी आईं और उन्होंने हकीम को इस त्रासदी से बचने का उपाय बताया. उन्होंने कहा कि गांव में होली का त्योहार कभी ना मनाया जाए तो यहां शांति वापस आ सकती है. तभी से इस गांव में कभी भी होली का त्योहार नहीं मनाया गया.
गांव का कोई बच्चा या युवा अगर त्योहार मनाने की कोशिश करता है या कहीं और जाकर त्योहार मनाने की जिद करता है तो गांव के बुजुर्ग उसका बहिष्कार कर देते हैं.ये मान्यताएं निश्चित रूप से होली के त्योहार को फीका करती है, जो रंगों और खुशियों का प्रतीक है। देखना ये है कि क्या खरहरी गांव कभी इस जनश्रुत से बाहर निकल पाएगा और रंगों के इस त्योहार को खुशी से मना पाएगा।
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