देवपहरी और परसाखोला वॉटरफॉल,सुरक्षा का रखें ख्याल,गलती की गुंजाइश नहीं,प्रकृति की गोद में खूबसूरती बिखेरते झरने हर साल लोगो की बलि लेते हैं
नमस्ते कोरबा : कोरबा में मौत का वॉटरफॉल है। जहां गलती की कोई गुंजाइश नहीं। जरा सी चूक और जिंदगी विरान हो जाती है। प्रकृति की गोद में खूबसूरती बिखेरते झरने हर साल लोगो की बलि लेते हैं।
उद्योगों की नगरी कोरबा में कई मशहूर पर्यटन स्थल हैं। नदी, नालों से गिरते झरनों की खूबसूरती लोगो को अपनी ओर खींचते हैं। मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर ‘देवपहरी’ और बालको के पास स्थित ‘परसाखोला’ का जलप्रपात पर्यटकों को बेहद रोमांचित करता है। जंगल और पहाड़ियों से घिरे इन खूबसूरत वादियों में सुकून मिलता है। मगर ये वॉटरफॉल जितने खूबसूरत है उतने ही खतरनाक भी।
झरनों की खूबसूरती के पीछे कई जिंदगियां दफन हो चुकी हैं। पिछले पांच साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो करीब 50 से 60 फीट की ऊंचाई से गिरने वाले परसाखोला में डूबने से 6 लोगो की मौत हो चुकी है। इसी तरह देवपहरी वॉटरफॉल भी 9 लोगो की बलि ले चुका है। बावजूद इसके ना तो यहां सुरक्षा के कोई इंतजाम किए गए और न ही लोगो को लापरवाही पर अंकुश लगा। हालाकि पुलिस जरूर लोगो को जागरूक करने के प्रयास में लगी रहती है।
वैसे तो इन स्थलों पर 12 महीने लोगो की आवाजाही रहती है। मगर ठंड के मौसम में हजारों पर्यटक पिकनिक मनाने पहुंचे हैं। इस लिहाज से यहां सुरक्षा की बेहद जरूरत है लेकिन वन विभाग के अधिकारियों के पास इतना भी वक्त नहीं है की यहां सुरक्षा सूचक बोर्ड लगा सके। देखना होगा कि पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन क्या पहल करता है।