‘राजनैतिक नहीं, सामजिक व्यक्ति थे दादा हीरासिंह मरकाम’..पंचम पुण्यतिथि पर तिवरता में संपन्न हुआ ‘गोंडवाना स्वाभिमान दिवस’..
नमस्ते कोरबा: जिले के तिवरता गांव में आज गोंडवाना आंदोलन और जनजागरण के अग्रणी केंद्र में स्वर्गीय दादा हीरासिंह मरकाम की पंचम पुण्यतिथि के अवसर पर “गोंडवाना स्वाभिमान दिवस” का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पाली-तानाखार के विधायक तुलेश्वर हीरासिंह मरकाम, गोंडवाना आंदोलन से जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ता, आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधि और आम नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके समाजहित में किए गए योगदान को याद किया।
‘मूल निवासियों के अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया’
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम ने कहा कि दादा हीरासिंह मरकाम ने हमेशा मूल निवासी समाज के हक और सम्मान के लिए संघर्ष किया। उन्होंने समाज में एकता, जागरूकता और स्वाभिमान की भावना को बढ़ावा दिया। दादा ने समाज के सबसे पिछड़े तबके को न केवल पहचान दिलाई, बल्कि उन्हें राजनीतिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने का मार्ग प्रशस्त किया।
‘राजनीतिक नहीं, सामाजिक व्यक्तित्व थे दादा हीरासिंह मरकाम’
विधायक ने आगे कहा कि दादा हीरासिंह मरकाम एक सच्चे सामाजिक कार्यकर्ता थे। उनका जीवन राजनीति से ऊपर समाज सेवा को समर्पित रहा। वे सदैव उपेक्षित, शोषित और पिछड़े समाज के उत्थान के लिए समर्पित रहे। उन्होंने सर्वसमाज की एकता और प्रगति के लिए अपने जीवन का हर क्षण अर्पित किया।
‘आज भी उनके विचार आदिवासी आंदोलन की प्रेरणा हैं’
मरकाम ने कहा कि आज प्रदेश में जो सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक चेतना का आंदोलन चल रहा है, उसकी प्रेरणा दादा हीरासिंह मरकाम के विचारों से ही मिली है। उन्होंने जो रास्ता दिखाया, वही आज आदिवासी समाज के संघर्ष की दिशा तय कर रहा है।
पंचम पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
कार्यक्रम के समापन पर उपस्थित सभी लोगों ने दादा हीरासिंह मरकाम को पुष्पांजलि अर्पित की और उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया। विधायक मरकाम ने कहा कि समाज के अधिकार और सम्मान की यह लड़ाई दादा हीरासिंह मरकाम के विचारों के अनुरूप आगे भी जारी रहेगी।
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