Tuesday, November 11, 2025

इंद्रावती टाइगर रिज़र्व में मिला स्मूथ-कोटेड ऊदबिलाव छत्तीसगढ़ से पहली फोटोग्राफिक पुष्टि,देखिए खूबसूरत वीडियो

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इंद्रावती टाइगर रिज़र्व में मिला स्मूथ-कोटेड ऊदबिलाव
छत्तीसगढ़ से पहली फोटोग्राफिक पुष्टि,देखिए खूबसूरत वीडियो

नमस्ते कोरबा :- छत्तीसगढ़ के लिए वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज हुई है। इंद्रावती टाइगर रिज़र्व में पहली बार स्मूथ-कोटेड ऊदबिलाव (Lutrogale perspicillata) की मौजूदगी की फोटोग्राफिक पुष्टि की गई है। यह दुर्लभ दस्तावेजीकरण हाल ही में IUCN Otter Specialist Group Bulletin में प्रकाशित एक शोधपत्र में दर्ज किया गया है।

यह अध्ययन नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी की टीम म. सुरज, मोइज़ अहमद, आलोक कुमार साहू, कृष्णेंदु बसाक और मयंक बागची द्वारा इंद्रावती टाइगर रिज़र्व के डिप्टी डायरेक्टर संदीप बल्गा के सहयोग और मार्गदर्शन में किया गया।

 इंद्रावती में दुर्लभ जीव की मौजूदगी का सबूत

वैज्ञानिकों के अनुसार स्मूथ-कोटेड ऊदबिलाव एशिया में मिलने वाली बड़ी जल-स्तनधारी प्रजाति है। यह अपनी चिकनी, चमकीली फर, लंबा लचीला शरीर और तेज तैराकी की क्षमता के लिए जानी जाती है।

टीम ने कैमरे में इन्हें नदी में तैरते, मछली पकड़ते, रेत में लोटते और एक-दूसरे की सफाई करते हुए कैद किया। शोधकर्ताओं के मुताबिक, इन ऊदबिलावों को एक मगरमच्छ को खदेड़ते हुए देखना अत्यंत दुर्लभ व्यवहारिक अवलोकन है।

स्थानीय जानकारी बनी अहम सुराग

शोध दल को इस प्रजाति का सुराग जंगली भैंस सर्वेक्षण के दौरान स्थानीय ग्रामीणों से मिला। ग्रामीण “नीर बिल्ली” के नाम से इन्हें पहचानते हैं और बताते हैं कि यह अक्सर मछली पकड़ने के जाल काट देती है।इसके आधार पर टीम ने 15 किलोमीटर नदी क्षेत्र में तीन महीने का सर्वे किया और स्पष्ट तस्वीरें हासिल कीं।

 शोधकर्ता बोले  आवास सुरक्षित तो प्रकृति खुद लौट आती है

“इंद्रावती नदी तंत्र में इस प्रजाति की मौजूदगी यह बताती है कि यदि हम प्राकृतिक आवास सुरक्षित रखें तो प्रकृति खुद को पुनर्जीवित कर सकती है,” म. सुरज, प्रमुख शोधकर्ता

सह-शोधकर्ता मोइज़ अहमद का कहना है,

“ऊदबिलाव नदियों की सेहत का सूचक प्राणी है। जहां ऊदबिलाव जीवित है, वहां नदी भी जीवित है।”

 तीनों भारतीय ऊदबिलाव प्रजातियों वाला राज्य बना छत्तीसगढ़

इस खोज के साथ छत्तीसगढ़ उन कुछ राज्यों में शामिल हो गया है जहां तीनों भारतीय ऊदबिलाव प्रजातियाँ

1. स्मूथ-कोटेड

2. एशियाई स्मॉल-क्लॉड

3. यूरेशियन ऊदबिलाव पाई जाती हैं।

यह राज्य की समृद्ध नदी-पारिस्थिति की का संकेत माना जा रहा है।

संरक्षण को लेकर सरकार गंभीर

स्मूथ-कोटेड ऊदबिलाव IUCN रेड लिस्ट में संकटग्रस्त (Vulnerable) श्रेणी में सूचीबद्ध है और भारत के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची–I में संरक्षित है।

छत्तीसगढ़ के पीसीसीएफ (वाइल्डलाइफ) अरुण पाण्डेय ने कहा

“दुर्लभ ऊदबिलाव प्रजाति के मिलने के बाद विभाग की ओर से इसके संरक्षण एवं संवर्धन का प्रयास किया जाएगा।”

इंद्रावती टाइगर रिज़र्व के डिप्टी डायरेक्टर संदीप बल्गा ने भी कहा “यह खोज केवल एक प्रजाति की नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की नदियों की सेहत की कहानी है। इसे बचाने के लिए अब ठोस कदम जरूरी हैं।”

 संरक्षण की अपील

शोधकर्ताओं ने इंद्रावती और गोदावरी नदी तंत्र में व्यापक सर्वे और समुदाय आधारित संरक्षण कार्यक्रम शुरू करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। ग्रामीण जागरूकता, प्रदूषण नियंत्रण और नदी किनारे अनियंत्रित गतिविधियों को रोकने पर बल दिया गया है।

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