ओवरलोड ट्रकों से उड़ती राखड़,सांसों पर संकट और खेतों पर कहर
नमस्ते कोरबा :- दर्री से कटघोरा मार्ग पर इन दिनों राखड़ का आतंक फैलता जा रहा है। एनटीपीसी धनरास राखड़ डेम से रोजाना दर्जनों ओवरलोड ट्रक निकलते हैं, लेकिन ट्रकों की ढुलाई व्यवस्था इतनी लापरवाह है कि जगह-जगह राखड़ सड़क पर गिर रहा है। नतीजा यह कि पूरी सड़क राखड़ की मोटी परत से पट गई है। बारिश में यह गीली होकर फिसलन का कारण बन रही है, वहीं धूप में सूखकर धूल बनकर उड़ती है। दोनों ही स्थितियों में राहगीरों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
छोटे वाहन चालक और दोपहिया सवार लगातार हादसों का शिकार हो रहे हैं। सड़क पर राखड़ जमा होने से पैदल चलने वालों की भी सांसें थमने लगती हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार उन्होंने प्रशासन और संबंधित विभाग को शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नदारद है। ट्रक चालक नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं और विभाग मूकदर्शक बना हुआ है। स्थानीय निवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
केवल सड़क पर ही नहीं, बल्कि खेतों में भी राखड़ अब नुकसान पहुंचा रहा है। ईस्ट-वेस्ट रेल कॉरिडोर के गेवरारोड,पेंड्रा निर्माण क्षेत्र में गड्ढों को भरने के लिए फ्लाईऐश का उपयोग किया जा रहा है। लेकिन बरसात के दौरान कुचैना और भैरोताल इलाके में यही राखड़ बहकर किसानों के खेतों तक पहुंच गई। इससे धान की फसल को भारी क्षति हुई है। किसानों ने प्रशासन से राजस्व परिपत्र 6-4 के तहत मुआवजा देने की मांग की है।
फिलहाल स्थिति यह है कि सड़क पर राखड़ से दुर्घटनाओं का खतरा मंडरा रहा है, और खेतों में राखड़ पहुंचने से किसानों की मेहनत चौपट हो रही है। बावजूद इसके पर्यावरण विभाग और प्रशासन की चुप्पी सवाल खड़े कर रही है। लोग पूछ रहे हैं कि जब तक किसी बड़ी दुर्घटना या भारी नुकसान की खबर सामने नहीं आती, क्या तब तक जिम्मेदार विभाग यूं ही हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे?
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