कोरबा जिले में इस साल 91986 हेक्टेयर में धान की फसल,अतिवृष्टि से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई,देखिए यह खास रिपोर्ट
नमस्ते कोरबा : कोरबा जिले में इस साल औसत से 166.6 % अधिक वर्षा हुई है। अतिवृष्टि से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई है। खेतो में जल भराव के कारण कीट पतंगों पनप रहे है जो धान की फसल के लिए काफी घातक है,
किसान अपने स्तर पर कीटनाशक का छिड़काव कर रहें है। बारिश का शिलशिला जारी रहा है किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
मॉनसून खुशहाली तो लाता है। बहुत सारी मुसीबतें भी साथ लाता है।
मॉनसून खुशहाली तो लाता है। बहुत सारी मुसीबतें भी साथ लाता है। अति बारिश हो तो फसल खराब और बारिश में कीट हमला कर दे तो भी मुसीबत। कोरबा में मानसून कुछ ज्यादा ही मेहरबानी दिखाई, जिसके कारण फसलों पर कीट पतंगों ने हमला कर दिया है। जो किसानों के लिए सिरदर्द बन गया है।
कोरबा जिले में इस साल रिकॉर्ड बारिश हुई
कोरबा जिले में इस साल 1223.7 mm बारिश हुई है जो कि पिछले 10 सालो में हुई औसत वर्षा से 136.7% अधिक है। फसलों की बात करे तो जिले में इस साल 91986 हेक्टेयर में धान की फसल लगी है। ज्वार, मक्का, कोदो–कुटकी, रागी इन फसलों पर किसानों ने अधिक रुचि दिखाई है। करीब 1 लाख 4 हजार 298 (104298) हेक्टेयर में ये फसल लगाई गई है। इसी तरह दलहन और तिलहन की खेती भी 70 से 75 % पूर्ण हो चुकी है। मगर लगातार हुई बारिश के कारण सभी फसलों पर कीट पतंगों का हमला शुरू हो गया है। किसान अपने स्तर पर जतन कर रहे है।
कृषि विभाग के अधिकारियों की अपील सलाह लेकर दवाइयां का करें छिड़काव
जब भी किसान अपने खेतों में फसल लगाता है, तो कई तरह के कीट के प्रकोप रहता है। यह कीट ज्यादा तर धान, मूंग, ज्वार के पत्तो को नुकसान पहुंचाते है। वही दलहन और तिलहन के पौधों के जड़ों पर अटैक करते है। जिससे फसल चौपट हो जाती है और किसान को पता भी नही चलता। यही कारण है कि कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा अपील की गई है कि ऐसी परिस्थितियों में किसान कृषि विभाग के अधिकारियों से सलाह लेकर दवाइयों का छिड़काव करे ताकि समय रहते फसल को बचाई जा सके।
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