हनुमान जन्मोत्सव विशेष :-कोरबा जिले में है हनुमान जी की विशेष कृपा,कटघोरा क्षेत्र में साक्षात विराजमान है वीर हनुमान
नमस्ते कोरबा : कटघोरा से अंबिकापुर रोड पर शहर से बाहर निकलते ही चकचकवा पहाड़ी पर स्थित है हनुमान गढ़ी धाम। कुछ साल पहले तक यह पहाड़ी चट्टानों से भरी हुई थी। अब यह एक तीर्थ स्थल के साथ-साथ मनोरम हरे भरे क्षेत्र के रूप में विकसित हो गया है। यहां चट्टान पर एक बड़े पैर के निशान हैं, जिसमें भीषण गर्मी में भी पानी भरा रहता है।
मान्यता है कि यह निशान हनुमान जी के पैर रखने से बना है। पहाड़ी पर आदि शक्ति देवी मां, हनुमान जी, शंकर जी व राम दरबार का विशाल मंदिर है। राम दरबार की आदम कदम मूर्तियां जीवंत स्वरूप लिए हुए हैं। बारिश के बाद शरद और शीत ऋतु में हनुमान गढ़ी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।
कोरबा के कटघोरा में स्थित हनुमानगढ़ी जहां सीता को ढ़ूंढ़ने को दौरान हनुमान ठहरे थे. यहां हनुमान के पैरों के निशान आज भी मौजूद हैं.मान्यता है कि सीताहरण के बाद वीर हनुमान यहां ठहरे थे. हनुमान के पैरों के निशान आज भी यहां मौजूद हैं, जिसके कारण हनुमानगढ़ी में हनुमान जयंती हो या फिर आम दिन दूर-दूर से हनुमान भक्त यहां पहुंचते हैं.
मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि पहाड़ पर हनुमान जी के एक पैर का निशान आज भी मौजूद है. निशान से बने गड्ढे में साल के 12 महीने पानी भरा रहता है. यह पानी कभी नहीं सूखता. लोग इसे बजरंगबली का चमत्कार कहते हैं. पहाड़ की चोटी पर भगवान राम, लक्ष्मण और सीता का भव्य मंदिर भी है. हनुमान की पहली प्रतिमा यहां पर सन 1974 में स्थापित की गई थी. कुछ साल पहले चक चकवा पहाड़ पर हनुमानगढ़ी परिसर का भव्य विकास किया गया है. ऊपर से नीचे का नजारा भी बेहद खूबसूरत है, जिससे आकर्षित होकर ना सिर्फ जिले बल्कि राज्य भर से लोग यहां पहुंचते हैं.