सीता-राम विवाह कथा सुन भाव-विभोर हुए लोग,राम सीता की झांकी रहा आकर्षक का केंद्र
नमस्ते कोरबा : पंडित रविशंकर शुक्ला नगर के कपिलेश्वर मंदिर में चल रही रामकथा में राम-सीता विवाह प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए।चित्रकूट से पधारे अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक बाल व्यास पंडित विवेक जी महाराज के श्रीमुख से श्रीराम-सीता के विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था।
एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। उसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था।राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी राजा- महाराजा को विवाह के लिए निमंत्रण भेजा।
Read more:-*केबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन ने किया ध्वजारोहण*
वहां आए सभी लोगों ने एक-एक कर धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्री राम धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद धूमधाम से सीता व राम का विवाह हुआ। माता सीता ने जैसे प्रभुराम को वर माला डाली वैसे ही देवतागण उन पर फूलों की वर्षा करने लगे।
कथा में भगवान श्री राम एवं माता सीता की सजीव झांकी सजाई गई थी जो भक्त जनों को मंत्र मुग्ध कर रही थी, कपिलेश्वर महिला मंडल के द्वारा श्री राम जी की बारात धूमधाम से निकल गई विवाह पश्चात भजनों में श्रोतागण नाचते हुए खुशी मना रहे थे, कथा का समापन 28 तारीख को होगा एवं कपिलेश्वर कपिलेश्वर महिला मंडल समिति के द्वारा 29 जनवरी को भव्य भंडारा का आयोजन किया गया है,