*सावन स्पेशल* कोरबा में है एक ऐसा समुदाय जहां शादी के दहेज में दिए जाते हैं 21 सांप
नमस्ते कोरबा :- नए जीवन की शुरुआत के लिए शादियों में घर गृहस्थी का सामान दहेज स्वरूप दिया जाता है, लेकिन कोरबा में एक समुदाय ऐसा भी है, जहां दहेज में जहरीले सांप दिए जाते हैं। 
हम आपको बता दें कि जिला मुख्यालय से 32 किलोमीटर दूर स्थित गांव मुकुंदपुर में रहने वाली, संवरा- सपेरा समुदाय जनजाति के लोगों में परंपरा है कि ये लोग शादी में दहेज के तौर पर जहरीले सांप देते हैं। खास बात यह है कि संवरा जनजाति में अगर दहेज में सांप नहीं दिया गया है तो शादी संपन्न नहीं मानी जाती।
यही वजह है कि इस जनजाति के लोग भले ही किसी से सांप मांगकर उसे दहेज में दें, लेकिन यह परंपरा उन्हें निभानी पड़ती है। ग्रामीणों ने बताया कि पहले दहेज में 2 से लेकर 10 सांप तक भेंट में दिए जाते थे,परंतु वर्तमान में 21 सांप अवश्य दिए जाते हैं और जब तक उनकी व्यवस्था नहीं हो जाती जब तक शादी को टाल दिया जाता है।
ग्रामीणों ने दहेज में सांप देने की प्रथा के बारे में बताया संवरा जनजाति में सांप रोजी-रोटी कमाने का जरिया है। यह लोग रोजगार के लिए सांपों पर आश्रित हैं और सांप दिखाकर अपने परिवार का पेट पालते हैं।
इस जनजाति के लोगों की यह पुश्तैनी परंपरा है, जिसके चलते जनजाति के बुजुर्गों ने दहेज में सांप देने की परंपरा बनाई थी, जो आज भी जारी है। दरअसल इसकी वजह यह है कि दहेज में मिले सांपों से ये लोग अपना परिवार पाल सकते हैं,भले ही ये लोग चार पैसे कमाने के लिए कोई और भी काम करें, लेकिन सांप लेकर घूमना और उससे पैसे कमाना इनकी पुश्तैनी परंपरा है। जिसे ये लोग आज भी मानते हैं।







