उम्मीद की मशाल: शिक्षकों ने बदला शासकीय स्कूल का स्वरूप
नमस्ते कोरबा :- छत्तीसगढ़ राज्य में सरकारी स्कूलों में दयनीय होती शिक्षा की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। विभागीय लापरवाही और संसाधनों के अभाव के कारण लगातार सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर गिर रहा है।इसके लिए लोग शिक्षकों को भी जिम्मेदार ठहराते हैं। कहीं न कहीं लोगों के इन आरोपों में सच्चाई भी लगती है क्योंकि शिक्षक शिक्षा सत्र का ज्यादातर वक्त तबादला,मांगों, संघ आदि की राजनीति में गुजार देते हैं।

बात उनके मन मुताबिक न बैठी तो स्कूल बंद कर हड़ताल में जाने से भी गुरेज नहीं करते। इससे उलट प्रदेश में अभी भी कई शिक्षक ऐसे हैं जो शिक्षा की अलख जगाए रखने के लिए हर मुमकिन प्रयास करते हैं।
आज नमस्ते कोरबा समाचार आपको ऐसे ही शिक्षक से रू-ब-रू कराने जा रहा है, जो शिक्षा की अलख जगाए रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। इनके प्रयास का स्तर छोटा भले ही हो लेकिन, इसके दूरगामी परिणाम काफी समृद्ध और विशाल होंगे,

ऐसे शिक्षक है मुख्यमंत्री गौरव अलंकृत व राज्यपाल पुरस्कार 2023 हेतु चयनित शिक्षक मुकुंद उपाध्याय हमने उनसे चर्चा की तो उन्होंने बताया कि शिक्षकों और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के सहयोग से स्कूल प्रांगण में चारों तरफ बाउंड्री वॉल, छात्र एवं छात्राओं के लिए अलग-अलग टॉयलेट,बच्चों को बैठने की व्यवस्था, स्कूल में स्मार्ट क्लास प्रोजेक्टर के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई एवं स्कूल प्रांगण में सांस्कृतिक मंच का निर्माण भी कराया गया है,

जिसमें बच्चों के सर्वांगीड़ विकास हेतु शासन द्वारा निर्धारित समस्त कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं श्री उपाध्याय ने आगे बताया कि स्कूल प्रांगण को साफ सुथरा रखने के लिए कार्यालय एवम समस्त कक्षाओ में डस्टबिन रखा गया है,मध्यान भोजन पूर्व सर्फ साबुन से हाथ धुलाई कराना जिससे बच्चे स्वस्थ रहे साथ ही साथ बच्चों को अपने आसपास साफ सुथरा रखने की भी सीख दी जा रही है, शिक्षक मुकुंद उपाध्याय के द्वारा बच्चों के लिए अपने खर्च पर आई कार्ड, स्कूल बेल्ट, टाई,कोरोनकाल में घर घर जाकर मास्क वितरण,गरीब बच्चो को समय समय पर जरूरत मन्द बच्चों को पेन,कॉपी, आदि उपलब्ध कराकर स्कूलों की स्थिति में सुधार की अनूठी पहल की है।








