Thursday, March 13, 2025

प्रसिद्ध कथा वाचिका जया किशोरी को सुनने उमड़ा अपार जनसमूह, लोगों ने इस भव्य आयोजन के लिए राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को दिया धन्यवाद

Must Read

प्रसिद्ध कथा वाचिका जया किशोरी को सुनने उमड़ा अपार जनसमूह, लोगों ने इस भव्य आयोजन के लिए राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को दिया धन्यवाद

नमस्ते कोरबा  :- कोरबा शहर के पावर हाउस रोड से तुलसी नगर जाने वाले मार्ग में नवनिर्मित श्री राम दरबार में भगवान श्री राम-लक्ष्मण-जानकी एवं शिव-पार्वती, मां अष्टभुजी, भगवान गणेश और हनुमान जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित हुआ। 2 दिन से चल रहे आयोजन के अंतिम दिवस सोमवार को प्रसिद्ध कथा वाचिका सुश्री जया किशोरी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को श्री राम कथा सुनाई। सुश्री जया किशोरी ने अपने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति से उपस्थित दर्शकों व श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया। कार्यक्रम में भक्तों की भीड़ का आलम यह था कि इतने भव्य पंडाल में तिल मात्र की जगह नहीं थी, इसके पश्चात श्री राम दरबार में भगवान की महाआरती की गई।

महा आरती के दौरान समूचा राम मंदिर और परिसर भव्य आतिशबाजी से गूंज उठा और आतिशबाजी की रोशनी में पूरा राम मंदिर नहा उठा। आतिशबाजी का आकर्षण देखते ही बनता था जिसे यहां उपस्थित सैकड़ों लोगों ने अपने मोबाइल और कैमरे में कैद किया।

श्री राम दरबार में प्राण प्रतिष्ठा और सुश्री जया किशोरी के दिव्य दरबार में शामिल होने के लिए कोरबा शहर सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु जन और अनेक विशिष्ट गणमान्यजनों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। श्री राम दरबार की दिव्यता और सुंदरता लोगों को अपनी ओर सहज ही आकर्षित कर रही है।

कथा वाचिका जया किशोरी ने श्रीराम चरित्र कथा का संक्षिप्त वर्णन करते हुए कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम का आचरण हम सभी के लिए वह प्रेरणा है। जिसका अनुशरण करने मात्र से हमारे व्यक्तित्व और कृतृत्व में बदलाव आ सकता है। राजस्व मंत्री के प्रयासों से राम दरबार की स्थापना पर अपनी बात रखते हुए जया किशोरी ने एक प्रेरक प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि एक बार गांव में बारिश के नहीं होने पर जब ग्रामवासी एक संत के पास पहुंचे तो संत ने उस गांव के सुखे कुंए में सभी ग्रामवासियों को एक-एक लोटा दूध कुंए में डालने के लिए कहा। संत के इस आदेश का सभी गांव वालों ने पालन भी किया। इस दौरान गांव के एक कंजूस सेठ ने सोचा कि गांव के सभी लोग कुंए में दूध डाल रहे हैं ऐसे में यदि मैं एक लोटा पानी डाल दूंगा तो क्या बिगड़ेगा और उसने यही किया । कुएं में इस प्रयास के बाद भी गांव में बारिश नहीं हुई तब ग्रामवासी फिर संत के पास पहुंचे। संत ने उन्हें कुंए के पास पहुंचकर देखने को कहा।

जब सभी गांव वासी वहां पहुंचे तो उन्होंने देखा तो कुएं में तो पानी ही पानी है। इसका मतलब गांव के सभी लोगों ने उस सेठ की तरह सोचा कि यदि मैं एक लोटा पानी डाल दूंगा तो क्या बिगड़ेगा। जया किशोरी के इस प्रसंग का साफ अर्थ था कि यदि सभी की सोच नाकारात्मक होगी तो किया गया प्रयास भी असफल ही होगा। इसीलिए सकारात्मक बदलाव के लिए प्रयास भी सकारात्मक ही होना चाहिए।

इस अवसर पर उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए राजस्व मंत्री के प्रयासों की सराहना करते हुए कि किसी एक व्यक्ति के द्वारा किया गया। प्रयास भी समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

- Advertisement -

सब्सक्राइब करें नमस्ते कोरबा न्यूज़ YOUTUBE चैनल

4,230SubscribersSubscribe
Latest News

*बालको के ‘उन्नति उत्सव’ कार्यक्रम में उत्कृष्ट योगदान के लिए महिलाओं का सम्मान*

*बालको के ‘उन्नति उत्सव’ कार्यक्रम में उत्कृष्ट योगदान के लिए महिलाओं का सम्मान* नमस्ते कोरबा : वेदांता समूह की कंपनी...

More Articles Like This

- Advertisement -