कोरबा के काले चावल से किसानों की कमाई में हुआ इजाफा,विदेशों में है काले चावल की मांग
400 रुपये वाला काला चावल, जानिए छत्तीसगढ़ के इस राइस की कहानी, विदेशों तक डिमांड
नमस्ते कोरबा :- क्या आपने ब्लैक राइस के बारे में सुना है? काला चावल सुन के आपको जरूर आश्चर्य होगा, लेकिन चावल की कई प्रजातियों में यह भी एक प्रजाति शामिल है. धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के किसान काले चावल की खेती की ओर तेजी से बढ़ रहे है.
धान के कटोरे के नाम से जाने जाने वाले छत्तीसगढ़ में इन दिनों किसान ब्लैक राइस की खेती कर रहे हैं. आपने ज्यादातर सफेद चावल देखा और उसके बारे में सुना होगा, लेकिन आज हम आपको ब्लैक राइस के बारे में बता रहे हैं. इसकी डिमांड न सिर्फ देश में है बल्कि विदेशों में भी इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है. औषधीय गुणों के साथ पोषक तत्वों से भरपूर ब्लैक राइस के विदेशी दीवाने हो गए हैं.
महज 10 एकड़ से शुरू हुई थी खेती
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के किसान काले चावल की खेती की ओर तेजी से बढ़ रहे है. इस साल 150 किसानों ने करीब 130 एकड़ में इसकी खेती की है. 2 साल पहले मात्र 10 एकड़ में इसकी शुरुआत हुई थी. जिले के करतला ब्लॉक में रहने वाले गिनती के किसानों ने दस एकड़ में ब्लैक राइस की फसल लगाई. हाथों-हाथ फसल सामान्य धान से दोगुने कीमत पर बिक गई. इससे प्रोत्साहित होकर बीते वर्ष 100 एकड़ में करीब 25 टन ब्लैक राइस का उत्पादन किया गया. इसे कोलकाता की एक ट्रेडिंग कंपनी ने खरीदा है.
विदेशों में अब मांग बढ़ी
किसान इतवार बंजारे ने बताया कि इंडोनेशिया समेत कई देशों में भी ब्लैक राइस की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. कोरोना काल की वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की सलाह चिकित्सक दे रहे हैं. ऐसे में ब्लैक राइस स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है. इसलिए न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी इस चावल की खपत बढ़ गई है. विदेशों से अभी तक कई डिमांड भी हमें मिले हैं.किसानों की सोसाइटी पैकेट बनाकर भी ब्लैक राइस बेच रही है. किसान 100 रुपये किलो तक लाभ कमा रहे हैं. बड़े शहरों में यह चावल 400 रुपये किलो तक बिक रहा है.
इन गुणों से है भरपूर ब्लैक राइस
ब्लैक राइस शुगर और हार्ट पेशेंट के लिए भी फायदेमंद है. कार्बोहाइड्रेट से मुक्त इस चावल को शुगर पेशेंट भी खा सकते हैं. वहीं हृदय रोग से जूझ रहे लोगों के लिए ब्लैक राइस किसी वरदान से कम नहीं है. यह कोलेस्ट्राल के स्तर को भी नियंत्रित करता है.