
नमस्ते कोरबा :- कोरबा में खाकी का एक अलग ही अंदाज देखने को मिला है। पुलिस के जवानों ने एक गरीब महिला की स्थिति देखकर आपस में 10 हजार रुपए जुटाए। उस महिला की आर्थिक सहायता की। यह देखकर गांव के लोग खुश हुए और दोनों हाथ उठाकर पुलिस के जवानों को अपना आशीर्वाद दिया है।

कोरबा जिला के पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल छत्तीसगढ़ के ही रहने वाले हैं। इस आईपीएस अफसर ने अपने कुछ यूनिक आईडिया से लोगों के बीच पुलिस को लेकर धारणा बदलने का काम किया है। भोजराम पटेल ने बताया कि मैं जानता हूं छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में दूरदराज रहने वाले लोग थानों तक अपनी शिकायत लेकर नहीं पहुंचते । कई बार उन्हें कानूनी मसलों की जानकारी भी नहीं होती है। इसलिए वह अपने साथ हो रहे क्राइम को नजरअंदाज कर जाते हैं।

पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने बताया कि इसी वजह से हमने चलित थाने के कॉन्सेप्ट पर काम शुरू किया है। इसके तहत थाने का स्टाफ अलग-अलग गांवों में बैठकें लेकर लोगों की शिकायत सुनता है और कार्रवाई करता है । ऐसे ही पुलिस दर्जनों मामले सुलझा चुकी है। इसमें ऐसे लोगों को मदद मिली है जो पुलिस के डर की वजह से या कानून की जानकारी ना होने की वजह से थानों तक नहीं पहुंच पा रहे थे। कोरबा की पुलिस इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में अंजोर रथ लेकर पहुुंच रही है। इसमें गाड़ियों पर लगी स्क्रीन पर शॉर्ट वीडियो के जरिए पुलिस यातायात नियमों की जानकारी भी दे रही है।

दरअसल, कोरबा में चलित थाने के कांसेप्ट पर काम किया जा रहा है। जिसके तहत अलग-अलग इलाकों में जाकर पुलिस चौपाल लगाती है और लोगों की शिकायतें वही सुनकर कार्रवाई करती है । इसी सिलसिले में कोरबा जिले के सर्वमंगला चौकी की पुलिस टीम लोगों के बीच पहुंची। यहां बरेठ मोहल्ले में ASI वैभव तिवारी लोगों की शिकायतें सुन रहे थे।तभी एक बीमार महिला पुलिस के जवानों से मिली, उसने बताया कि वह दिव्यांग है और भीख मांगकर अपना गुजारा करती है । महिला के छोटे बच्चे भी हैं, आर्थिक स्थिति की परेशानी देखकर सभी जवानों ने फौरन अपनी जेब में हाथ डाला और आपस में रुपए जुटाकर महिला को दे दिए। गांव की बुजुर्ग महिलाओं से पुलिस की टीम ने बात की। पुलिस जवानों को बुजुर्गों ने आर्शीवाद दिया। लोगों ने बताया कि इससे पहले कभी पुलिस ने इस तरह हमारे बीच आकर मदद नहीं की थी।







