नमस्ते कोरबा :- करीब चार करोड़ रुपये का फर्जी कार्यादेश वन मंडल कोरबा कार्यालय के नाम से जारी किए जाने का मामला सामने आया है। धमतरी के एक प्रतिष्ठान से फेसिंग तार खरीदने के आदेश की कापी वन मंत्रालय रायपुर पहुंची, तो मंत्रालय के अफसर भौचक रह गए। इस पर वन मंडलाधिकारी डीएफओ से जवाब तलब किया गया तो फर्जी कार्यादेश होने का पर्दाफाश हुआ। इस मामले की शिकायत डीएफओ ने पुलिस में की है। अज्ञात आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला पंजीबद्ध किया गया है। वन मंडलाधिकारी कोरबा डीएफओ प्रियंका पांडेय ने रामपुर पुलिस चौकी में इस मामले में जो शिकायत दर्ज कराई है, उसके अनुसार अंबिकापुर के टिंबर व्यापारी मनीष गोयल ने 20 मई को डीएफओ को मोबाइल पर संपर्क कर पूछा कि जयश्री कंस्ट्रक्शन को वन मंडल से गालवनाइसड वायर 10 एमएम का कार्यादेश जारी किया गया है। वह संस्थान मुझे यह काम करने कह रहा है, इसलिए मैं आपसे अनुमति लेना चाह रहा था। यह सुन कर डीएफओ ने वन विभाग से जारी किए गए सभी कार्यादेशों की जांच की। इस दौरान इस तरह के कोई कार्यादेश जारी होने के प्रमाण नहीं मिले, तब डीएफओ ने कार्यादेश की प्रति वाट्सअप के माध्यम से मांगी। कार्यादेश कोरबा वनमंडलाधिकारी कार्यालय के नाम से जारी किया गया था और उसमें किए गए डीएफओ के हस्ताक्षर भी फर्जी थे। डीएफओ ने मनीष गोयल को सतर्क करते हुए बता दिया कि यह कार्यादेश फर्जी है और जिसने भी इसके माध्यम से आपको काम देने कहा है, उसे न करें। इसके साथ ही डीएफओ ने इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस में लिखित तौर पर की है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि डीएफओ की शिकायत पर कूटरचना करने वाले अज्ञात आरोपितों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 469, 471 पंजीबद्ध किया गया है।
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