शहर के हृदय स्थल घंटाघर के समीप बने नगर निगम के पुस्तकालय का बुरा हाल,यहां पहुंच रहे पुस्तक प्रेमियों और युवा हो रहे हैं मायूस
नमस्ते कोरबा : शहर के हृदय स्थल घंटाघर के समीप बने नगर निगम के पुस्तकालय का बुरा हाल है। यहां न तो पर्याप्त मात्रा में किताबें हैं और न ही सही फर्नीचर जिसमें बच्चे बैठकर पढ़ाई कर सके। इसके साथ ही जगह-जगह सीलिंग टूट गई और छत से पानी टपकता है। इसके चलते यहां पहुंच रहे पुस्तक प्रेमियों और युवाओं को मायूस होना पड़ता है। नगर निगम के अधिकारी भी इसे लेकर संजीदा नहीं हैं।
शहर में नगर निगम ने घंटाघर के समीप पुस्तकालय बनवाया था। पहले यहां बड़ी संख्या में पुस्तक प्रेमी पहुंचते थे, लेकिन समय के साथ यहां के हालात बिगड़ते गए। आलम यह है कि इस पुस्तकालय में न तो कंपटीशन बुक हैं और न हीं यहां बैठने के लिए पर्याप्त फर्नीचर है।जिससे युवाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यहां विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं ने बताया कि पुस्तकालय का भवन भी जर्जर हालत में हो गया है। इसके छत से पानी टपकता है। ऐसे में युवाओं बारिश में बैठने पर दिक्कत हो जाती है। इसके अलावा छत में लगी सीलिंग भी क्षतिग्रस्त हो गई है, जो कभी भी गिर सकती है। इसका कुछ भाग गिर भी गया है। इससे आधे कक्ष में अंधेरा पसरा हुआ है।पुस्तकालय में प्रकाश व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है।
छात्रों ने बताया कि 2008 में नगर निगम के द्वारा इस लाइब्रेरी का निर्माण कराया गया था एवं तात्कालिक महापौर लखन लाल देवांगन में इसका उद्घाटन किया था, वर्तमान में लखन लाल देवांगन जी कोरबा विधायक एवं राज्य में श्रम मंत्री तथा उद्योग मंत्री के पद पर आसीन है,
छात्रों ने नगर निगम एवं राज्य सरकार से मांग की है कि इस लाइब्रेरी की व्यवस्था जल्द से जल्द सही करें जिससे कि उन्हें आ रही परेशानियों का समाधान हो सके, वही इस मसले पर नगर निगम आयुक्त का कहना है कि लाइब्रेरी की अवस्था का मामला उनके संज्ञान में आया है जल्द से जल्द सर्वे करा कर यहां हो रही दिक्कतों का समाधान किया जाएगा,