सरकारी खर्च पर हुआ आयोजन पर मंच बना भाजपा का, नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने निगम से मांगा रामलीला-दशहरा मेला का पूरा हिसाब
नमस्ते कोरबा : घंटाघर ओपन थिएटर में 28 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चला पांच दिवसीय कार्यक्रम आय-व्यय का ब्योरा अब तक नहीं किया गया सार्वजनिक,
नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा 28 सितंबर से 2 अक्टूबर तक घंटाघर ओपन थिएटर में आयोजित पांच दिवसीय रामलीला और दशहरा मेला अब राजनीतिक विवादों के घेरे में आ गया है। कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने निगम प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जनता के पैसे से आयोजित इस सांस्कृतिक कार्यक्रम को भाजपा मंच में बदल दिया गया।
कांग्रेस नेताओं के अनुसार इस पूरे आयोजन में नगर निगम के फंड से लाखों रुपए खर्च किए गए, लेकिन अब तक न तो निगम प्रशासन ने इसका आय-व्यय ब्योरा जारी किया, न ही किसी आधिकारिक माध्यम से पारदर्शिता दिखाई। उनका कहना है कि जब कार्यक्रम सरकारी धन से हुआ है, तो उसकी पूरी जानकारी निगम की वेबसाइट और मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक की जानी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष कपाराम साहू ने आरोप लगाया कि दशहरा मंच पर भाजपा जिला अध्यक्ष को मुख्य अतिथि के रूप में बैठाया गया, जबकि अन्य राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित तक नहीं किया गया। इससे स्पष्ट है कि निगम प्रशासन ने सार्वजनिक आयोजन को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि “यह जनता के पैसे से भाजपा का मंच तैयार करने जैसा है” और यह पूरी तरह से प्रशासनिक पक्षपात को दर्शाता है।
नेताओं ने निगम से रामलीला और दशहरा मेला के सभी खर्चों का ब्योरा सार्वजनिक करने की मांग की है। उनका कहना है कि पारदर्शिता से ही जनता को यह पता चल सकेगा कि सरकारी खजाने से कितना पैसा कहां खर्च हुआ।
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