खबर विशेष : कोरबा जिले का एक गांव अपनी अनूठी कृषि पद्धति के कारण सुर्खियों में,देखें क्या है खास उस गांव में
नमस्ते कोरबा :- कोरबा जिले का एक गांव के किसान अनूठी कृषि पद्धति के कारण सुर्खियों में है। घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरे गाँव में कभी अकाल नहीं पड़ा। इसकी वजह है प्रकृति का वरदान पहाड़ से निकलने वाला पानी, जो साल भर उनके खेतों को हरा-भरा रखता है।
ये तस्वीर है जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर गेराव गाँव की। ये इलाका प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, लेकिन इसकी असली पहचान यहाँ की बारहमासी खेती है। गर्मी के दिनों में, जब आसपास के इलाकों में पानी की कमी से त्राहिमाम मची होती है, गेरावं के खेत हरे-भरे लहलहाते रहते हैं।
गेरावं के किसान साल भर खेती करते हैं। इसका मुख्य कारण है यहाँ पानी की उपलब्धता। गेरावं गाँव, बिठराही पहाड़ के नीचे बसा हुआ है। ये पहाड़ ग्रामीणों के लिए देवतुल्य है। पहाड़ से निकलने वाला पानी एक छोटे से नाले का रूप लेकर गाँव के पास से गुजरता है। इस नाले पर बांध बनाकर किसान अपने खेतों की सिंचाई करते है। वर्तमान में गर्मी के मौसम में भी गाँव के किसान मूंगफली, उड़द और धान की खेती कर रहे हैं। पहाड़ से निकलने वाला पानी इन फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त है, जिससे अच्छी पैदावार की उम्मीद है।
गेरावं गाँव की ये अनूठी कृषि पद्धति अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणादायक है। ये दर्शाता है कि प्राकृतिक संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करके अकाल जैसी समस्याओं से निपटा जा सकता है। गेरावं के ग्रामीणों ने प्रकृति के साथ तालमेल बैठकर एक स्थायी कृषि मॉडल विकसित किया है, जो उन्हें आत्मनिर्भर और खुशहाल बनाता है।
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