सब स्टेशन संभालने वाले कर्मी 28 तक अवकाश में
नमस्ते कोरबा। छत्तीसगढ़ ठेका बिजली कर्मचारी संघ के द्वारा कोरबा जिले में 22 जुलाई से काम बंद करने का अल्टीमेटम दिया गया था। उन्हें दो महीने का वेतन और 6 महीने का बोनस महाराष्ट्र की ठेका कंपनी जेबीएस के द्वारा नहीं किया गया है।
ठेका लेने के समय से अब तक उसकी हरकतें इसी प्रकार की बनी हुई है। कोरबा के अलावा जांजगीर-चांपा, रायगढ़, और जशपुर में इसी प्रकार की समस्या है। समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मचारी परेशान है।
संगठन के द्वारा इस मामले में संज्ञान लेने के साथ अधीक्षण यंत्री कोरबा को अवगत कराया गया और लंबित भुगतान कराने को कहा गया था। इसके कोई नतीजे नहीं आ सके। इसी मामले में कर्मचारियों ने एक दिन पहले कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जिस पर केवल इतना कहा गया कि मामले की जांच करायेगे।
इस जवाब से असंतुष्ट कर्मचारियों ने असिस्टेंट लेबर कमिश्रर से मिल कर उन्हें पूरी जानकारी दी गई। खबर के अनुसार एएलसी ने मौके पर डीई को बुलाने के साथ चर्चा की और जम कर फटकारा।
कारण बताया गया कि बिजली कंपनी के अधिकारियों ने साफ तौर पर कह दिया था कि ठेका कर्मियों के ईपीएफ और ईएसआई की जिम्मेदारी हमारी नहीं है। इस पर श्रम अधिकारी ने साफ तौर पर कहा कि जब ठेका कंपनी और बिजली कंपनी जिम्मेदारी से बच रही है तो किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर आखिर जिम्मेदार कौन होगा। ऐसी स्थिति में बिजली ठेका कर्मी को आप ज्वाईन कैसे कर सकते है।
छत्तीसगढ़ बिजली ठेका कर्मचारी संघ के जिला प्रतिनिधि मनहरण तिवारी ने बताया कि प्रबंधन और प्रशासन के नकारात्मक रवैय्ये को देखते हुए हमारे कर्मचारी 28 जून तक के लिए अवकाश पर चले गए हैं। हम भी देखेंगे कि कर्मियों का मसला कैसे सुलझेगा।