प्राइवेट स्कूलों की खुली लूट,नर्सरी के बच्चे का स्कूल से मिलने वाला जूता 550 का,पूरे साल की पढ़ाई का खर्चा लगभग 40 हजार रुपए
नमस्ते कोरबा :- दिन-ब-दिन स्कूली शिक्षा महंगी होती जा रही है। सबसे ज्यादा परेशानी मध्यम वर्ग परिवार के लोगों को हो रही, जिसका मख्य कारण निजी स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर की पुस्तकें लगवाना, महंगी पोशाक और फीस बढ़ोतरी है। निजी स्कूलों की इस मनमानी से हर कोई वाकिफ है लेकिन बच्चों के भविष्य को देखते हुए कोई भी अभिभावक कुछ बोलने को तैयार नहीं है। वहीं, नियमों से बंधा प्रशासन भी कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। अभिभावकों का कहना है कि इस लूट से बचने के लिए लोगों को आगे आना होगा,
हद तो अब हो गई है कॉलोनी में खुली छोटी-छोटी प्राइवेट स्कूलों में अगर आप अपने बच्चों को दाखिला करवा रहे हैं तो बच्चों का स्कूल से संबंधित सभी समान आपको स्कूलों से बताए गए दुकानों पर ही मिलेंगे, हमने जब एक अभिभावक से बात की तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके बच्चे का नर्सरी में दाखिला कराया गया है जहां स्कूल से मिलने वाले जूते का 550 रुपए लिया गया एवं बच्चों की पूरे साल की पढ़ाई का खर्चा 30 हजार से 40 हजार रुपए आयगा,
अभिभावक ने बताया कि स्कूल की ओर से बताई गई पुस्तकें और ड्रेस एक निश्चित दुकान के अलावा शहर की किसी दुकान में नहीं मिलतीं। बच्चों के कॅरिअर की बात है, इसलिए स्कूल को कुछ कह नहीं सकते। अकेले आवाज उठाना मुमकिन नहीं है।
बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए अभिभावक बिना कहे स्कूलों की बात मान रहे हैं लेकिन निजी स्कूल उनकी इसी मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं।
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