*पेंड्रा बाईपास :4 साल बाद भी नहीं बन सका बाईपास, अक्रोशित लोगो ने निकाली पद यात्रा, जल्द ही निर्माण की मांग..*
*गौरेला पेंड्रा मरवाही* :- जिले में 54 करोड़ की लागत से बनने वाले बाइपास अब तक कागजों में ही है। बाइपास निर्माण का भूमिपूजन पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने विधानसभा चुनाव से पहले किया था। चार साल गुजर जाने के बाद भी बाइपास नहीं बन सका है।
इसके चलते शुक्रवार को नगर के अक्रोशित लोगो ने सर्वदली मंच के बैनर तले बाईपास निर्माण की मांग को लेकर पद यात्रा निकली। पदयात्रा को रोकने के लिए जिला प्रशासन दल बल के साथ सेमरा तिराहे पर मौजूद थी। सेमरा तिराहे पर मौजूद जिला प्रशासन द्वारा पद यात्रा को रोकने पर नाराज नगर वासियों के साथ वाद विवाद भी हुआ। मौके पर उपस्थित एसडीएम पुष्पेंद्र शर्मा ने अक्रोशित लोगो को समझाया। जिसके बाद सर्वदली मंच के 5 सदस्यों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और जल्द ही बाईपास निर्माण की मांग की।
*कई बार हो चुके है हादसे…*
बता दें, कि यह नवीन जिला छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा पर है। यहां से कई लोग रोज आना-जाना करते हैं। खासकर कोरबा, मरवाही, अनूपपर, शहडोल और अमरकंटक जाने के लिए लोग अब तक पेंड्रा शहर के अंदर से होते हुए आना- जाना करते हैं। इतना ही नहीं शहर के अंदर से कई बार भारी वाहन भी गुजरती है। लोगों का कहना है कि शहर के अंदर से ज्यादातर गाड़ियां निकलने की वजह से कई बार हादसा भी हो चुका है। शहर के अंदर की सड़क की चौड़ाई इतनी नहीं है कि गाड़ियां हैं कि बड़ी गाड़ियां आसानी से निकल जाए।
*13 किलोमीटर लंबी बननी है बाइपास की सड़क..*
लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए ही सन 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने 13 किलोमीटर लंबे बाइपास की घोषणा की। इसका विधिवत भूमि पूजन किया गया, इसका लोकार्पण का शिलालेख सरखोर गांव है। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने घोषणा की थी कि सरखोर गांव से सेमरा तक यानि बिलासपुर की ओर से आने वाली गाड़ियां सीधे गौरेला होते हुए बाहर ही बाहर मध्यप्रदेश और कोरबा, मरवाही की तरफ चली जाएंगी और इससे लोगों को राहत मिलेगी। लेकिन अब जबकि चार साल बीत गए इसके बाद भी इस बाइपास का काम अब तक शुरू नहीं हो सका है।
*संवाददाता : सुमित जालान*