Sunday, December 28, 2025

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कोरबा से पूरे छत्तीसगढ़ को अब तक की सबसे बड़ी सौगात ,प्रदेश को मिलेगी सरप्लस ऊर्जा शक्ति

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*एचटीपीपी दर्री (कोरबा) में 1320 मेगावाट विद्युत परियोजना के शिलान्यास पर विशेष आलेख*

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कोरबा से पूरे छत्तीसगढ़ को अब तक की सबसे बड़ी सौगात » प्रदेश को मिलेगी सरप्लस ऊर्जा शक्ति

» मुख्यमंत्री की दूरदृष्टि सोच से सालों साल तक ऊर्जा, आवश्यकताओं की होगी पूर्ति :- जयसिंह अग्रवाल कोरबा विधायक

नमस्ते कोरबा  :- छत्तीसगढ़ के अस्तित्व में आने के बाद प्रदेश के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में भूपेश बघेल का कार्यकाल स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होने जा रहा है। आगामी 2023 के चुनाव में महज 4 महीने ही बचे हैं और अब भूपेश सरकार का यह कार्यकाल पूर्ण होने जा रहा है। अभी तक का सफर स्वर्णिम रहा और इन साढ़े 4 सालों में प्रदेश की जो तरक्की और खुशहाली आईं वह जनता के चेहरों और अधरों पर खिलती मुस्कान से साफ जाहीर हो रही है। भूपेश सरकार के प्रति जनता का जो भरोसा कायम हुआ है, वह अद्मूत है। जनता की सेवा के प्रति ऐसा समर्पण शायद अन्य राज्यों में कहीं देखने को मिला होगा। प्राकृतिक और भौतिक संसाधनों का सही दोहन कर जनता की खुशहाली और तरक्की के लिए यह साढ़े चार साल समर्पित रहा।

हर क्षेत्रों में तरक्की हुई और मंदी के दौर में भी हमारा राज्य इस लिए खुशहाल रहा क्‍योंकि हमारी सरकार ने अंतिम व्यक्ति की तरक्की सोची। परिणाम स्वरूप आज हरऊ क्षेत्र में अधोसंरचना विकास मॉडल के रूप में सामने आया। बिजली के क्षेत्र को ही देख लें तो अधोसंरचना विकास अदभूत है। हर जिलों में आवश्यकतानुरूप सब स्टेशनों का निर्माण और आधुनिकीकरण ने बिजली क्षेत्र को नई संजीवनी दी। आज प्रदेश युवा हो चला है और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है और कई मामलों में हमारा प्रदेश पूरे देश में एक मॉडल के रूप में उभरा। आवश्यकतानुरूप बिजली के क्षेत्र में बुनियादी ढांचों को सुधारा गया और बिजली व्यवस्था दुरूस्त की गई। 64 लाख लोगों को बिजली बिल हॉफ की सुविधा मिल रही है, जिसके कारण गरीब और मध्यम परिवारों को आर्थिक संबल मिला और बिजली बिल से बचत कर अन्य जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश ने झंडा गाड़ा और प्रदेश में सौर ऊर्जा का उपयोग करने में अव्वल रहा। सरप्लस राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ को 440 मेगावाट विद्युत परियोजना कोरबा पूर्व को एनजीटी के निर्देश पर बंद करना पड़ा और सेंट्रल पूल से महंगे दर पर बिजली कुछ महीनों से लेना पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस कमी को दूर कर 1320 मेगावाट विद्युत परियोजना एचटीपीपी दर्री का शिलान्यास करेंगे। यह विद्युत परियोजना छत्तीसगढ़ बनने के बाद राज्य सरकार की सबसे बड़ी परियोजना है, जिसके निर्माण से आगामी 50 साल तक विद्युत की कमी नहीं होगी और प्रदेश को 24 घंटे बिजली मिलने के साथ-साथ देश के कई अन्य राज्य भी रौशन होंगे। आज कोरबा के जरिये प्रदेश को सबसे बड़ी सौगात मिलने जा रही है। इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद हम फिर से बिजली के क्षेत्र में आत्म निर्भर हो जाएंगे और राज्य फिर से सरप्लस राज्य के रूप में अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूर्ण करने के साथ अन्य राज्यों को भी रौशन करने में अपनी अहम भूमिका निभाएगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरगामी सोच से पूरे छत्तीसगढ़ को विकास के साथ-साथ रोजगार सृजन, संस्कृति एवं विरासत को आगे ले जाने की चाहत और अंतिम व्यक्ति को योजनाओं का लाभ पहुंचाकर नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने की अभिलाषा पूर्ण होती दिख रही है। आने वाला कल और बेहतर से बेहतर होगा और सर्वेत्कृष्ट राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ अपनी अलग पहचान बनाएगा। सक्षम नेतृत्व और जनता के प्रति सेवा करने की असीम ऊर्जा अपने में समेटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का इस ऊर्जाधानी में हृदय से अभिनंदन और वंदन। नई ऊर्जा से ऊर्जाधानी लैस होने जा रहा है और नई परियोजना के पूर्ण होने के बाद कोरबा ही नहीं बल्कि पूरा प्रदेश ऊर्जा शक्ति के रूप में फिर से प्रतिस्थापित होगा और गांव से लेकर शहर तक 24 घंटे बिजली देने की मंशा पूर्ण होगी। नई परियोजना से कोरबा के विकास को नया माईलस्टोन मिलेगा। रोजगार सृजन के साथ-साथ बाजार भी आबाद होगा और कोरबा का विकास नए स्वरूप में उभर कर आएगा। मुख्यमंत्री भूषेश बघेल की इस अनुपम सौगात से कोरबावासी आल्हादित हैं और उनके अभिनंदन को आतुर हैं ।

छत्तीसगढ़ की बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करेगी 1320 मेगावाट की नई विद्युत परियोजना

2018 में जब भूपेश सरकार सत्तारूढ़ हुई तो प्रदेश में अधिकतम 5400 मेगावाट विद्युत की मांग रही, लेकिन धीरे-धीरे मांग बढ़ती गई। राज्य में विद्युत उत्पादन सरप्लस था लेकिन एनजीटी के निर्देश के बाद 200 मेगावाट विद्युत परियोजना कोरबा पूर्व को बंद करना पड़ा, लेकिन भूपेश सरकार ने प्रदेश के 64 लाख घरों को बिजली बिल हॉफ का फायदा दिलाने के साथ-साथ अधोसंरचना विकास पर फोकस किया और विद्युत आपूर्ति निर्वाध गति से जारी रही। बीच-बीच में अन्य राज्यों से बिजली मांगनी पड़ी, ताकि प्रदश की जनता को किसी तरह परेशानी न हो और कोई क्षेत्र अंधेरे में न रहे | 1320 मेगावाट विद्युत परियोजना का आज शिलान्यास होने जा रहा है। यह परियोजना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरगामी सोच का परिणाम है। इस विद्युत परियोजना से आगामी 50 साल तक प्रदेश में बिजली की आवश्यकता की पूर्ति होगी। आने वाले समय में इस परियोजना से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलने के साथ-साथ कोरबा के विकास को नई रफ्तार भी मिलेगी |

 

राज्य बनने के बाद 1320 मेगावाट की यह विद्युत परियोजना अब तक की प्रदेश की सबसे बड़ी विद्युत परियोजना होगी। इस परियोजना से प्रदेश फिर से सरप्लस राज्य बनेगा और बिजली के क्षेत्र में आत्म निर्भरता बढ़ने के साथ दूसरे राज्यों को रोशन करने में भी अपनी भूमिका निभाएगा।

कांग्रेस कार्यकाल में ही बिजली के क्षेत्र में हुए अभूतपूर्व कार्य 

छत्तीसगढ़ बनने के बाद राज्य तेजी से आगे की ओर अग्रसर होता चला गया। छोटा राज्य होने के बाद भी प्रकृति ने यहां के गर्भ में खनिज संसाधनों का अथाह भण्डार दिया है, जिसके कारण प्राकृतिक और भौतिक संसाधनों की अभूतपूर्व प्रगति हुई | भूपेश बघेल के समनांतर विकास से आज राज्य आल्हादित हो रहा है। अब नया पॉवर प्लांट बनने से राज्य के विकास को बिजली के क्षेत्र में आत्म निर्भरता मिलेगी | वैसे तो ऊर्जा के क्षेत्र में अधिकांश काम कांग्रेस के शासन काल में ही हुआ जिससे राज्य की प्रगति का द्योतक बिजली, पानी एवं सड़क के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए। कोरबा की विद्युत परियोजनाओं पर एक नजर डालें तो छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी कोरबा पूर्व 100 मेगावाट विद्युत परियोजना को बंद करने के बाद 500 मेगावाट विद्युत परियोजना डीएसपीएम का शिलान्यास छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद प्रथम कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही हुआ और प्रदेश को नई ऊर्जा मिली।

इसके पूर्व अखण्ड मध्य प्रदेश के समय कांग्रेस के शासन काल में ही कोरबा पूर्व की 200 मेगावाट और एचटीपीपी की 840 मेगावाट विद्युत परियोजना का भी निर्माण कांग्रेस के शासन काल में हुआ। इसके अलावा बालको ने भी बिजली के क्षेत्र में 1200 मेगावाट विद्युत परियोजना की ओर कदम रखा | इसके अलावा लैंको पॉवर प्लांट का निर्माण कांग्रेस के शासन काल में प्रारंग हुआ था। आज कोरबा ही नहीं छत्तीसगढ़ के विकास में कांग्रेस के शासन काल में अभूतपूर्व कार्य हुए। एनटीपीसी कोरबा, एनटीपीसी सीपत का भी निर्माण कांग्रेस सरकार की देन है। एनटीपीसी सीपत परियोजना का लोकार्पण तात्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के हाथों हुआ था। एनटीपीसी कोरबा विस्तार परियोजना का भी निर्माण कांग्रेस शासन की देन है। इस तरह छत्तीसगढ़ सहित देश की ऊर्जा आवश्यकता को पूर्ण करने में कांग्रेस सरकारों का अभूतपूर्व योगदान रहा। अब प्रदेश में भूपेश सरकार की सत्ता है और राज्य बनने के बाद राज्य सरकार की सबसे बड़ी परियोजना 1320 मेगावाट का नया संयंत्र कोरबा के दर्री में स्थापित होने जा रहा है और आज से निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा |भूपेश सरकार का फोकस रहेगा कि यह परियोजना जल्‍दी से अस्तित्व में आ जाए। इस परियोजना के पूर्ण होने से राज्य के बिजली क्षेत्र में 50 साल तक आत्मनिर्भरता बनी रहेगी और देश के कई राज्यों को प्रदेश की बिजली से रोशनी मिलती रहेगी।

कोरबा एक नजर में 

छत्तीसगढ़ की ऊजाधानी कोरबा आम जनता को विकास की मुख्यधारा से जोड़कर तथा शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं और गतिविधियों से लाभांवित कर विकास की नई इबारत लिख रहा है।

25 मई 1998 को अस्तित्व में आया कोरबा जिला औद्योगिक विकास से पूरे छत्तीसगढ़ को सबसे अधिक राजस्व देने वाला जिला बन गया है। यहां के काले हीरे (कोयला) से देश के कई पावर संयंत्रो, उद्योगों की सांसें चल रही हैं तो यहां की चमचमाता एल्युमिनियम अंतरिक्ष और क्षक्षा क्षेत्रों में काम आ रहा हैं। पूरे देश में सबसे ज्यादा विद्युत का उत्पादन कोरबा से ही होता हैं और यहां की बिजली से देश रोशन हो रहा हैं। जीवन रेखा के रूप में हसदेव और अहिरन नदी की अविरल धारा से हजारों लाखों एकड़ खेत सिंचित हो रहा हैं और दूसरे जिलों को भी जीवन दे रहा हैं।

हरे-भरे वनों से घिरे कोरबा राजधानी रायपुर से लगभग 200 किलोमीटर पर स्थित है जो कोरिया, सरगुजा, गौरला-पेण्ड्रा, मरवाही जॉजगीर-चाम्पा, सकती, रायगढ़, बिलासपुर तथा सूरजपूर जिले को स्पर्श करता है। कोरबा जिले में 140 तहसीलें कोरबा, करतला, कटटघोरा, पाली, पोड़ी-उपरोड़ा, दर्री हरदीबाजार, बरपाली, अजगरबहार, दीपका एवं भेंसमा व पसान है। कुल 08 विकासखण्ड-कोरबा, करतला, कटघोरा, पाली, पोड़ी-उपरोड़ा, पसान नया, बरपाली नया, हरदीबाजार नया हैं। कुल 4 विधानसभा क्षेत्र -कोरबा, कटघोरा, पाली-तानाखार एवं रामपुर हैं। कोरबा जिले में 4 नगर पालिक निगम कोरबा, 2 नगर पालिका-दीपका एवं कटघोरा तथा 2 नगर पंचायत छूरी तथा पाली आते है। भूपेश सरकार ने कोरबा में नई तहसीलें एवं अनुविभागीय कार्यालय प्रारंभ कर जनता को राहत प्रदान की और दूरियां कम होने से जहां लोग परेशानी से बचे वहीं समय और खर्च में भी कटौती हुई |

कोरबा ने जो मांगा सीएम ने वह सब दिया 

प्रदेश मे जब कांग्रेस की सरकार स्थापित हुई थी तब से कोरबा में अनेकों विकास कार्यो को स्वीकृति मिली। सुबे के मुखिया के कोरबा आगमन पर मैंने जो भी मांग रखी, वे सभी मांग ऊर्जावान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरी की, जिससे कोरबा की जनता का सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा। मुख्य रूप से कोरबा में मेडिकल कालेज की स्थापना, अशोक वाटिका को ऑक्सीजोन में विकसित करने का कार्य, सीएसईबी चौक से गोपालपुर तक फोरलेन व 2 लेन सड़क निर्माण कार्य, मेडिकल कालेज का नामकरण स्व. बिसाहूदास महंत के नाम, पुराना स्कूल को पूर्व विधायक कृष्णा जायसवाल के नाम से नामकरण करने का। ये सभी मांग मुख्यमंत्री ने त्वरित मंच से घोषणा कर पूरी की |

अब वे एक बार फिर माँ सर्वमंगला की पावनधरा एवं ऊर्जा नगरी कोरबा पधार रहे है, ऐसे में हम कोरबावासियों की अपेक्षा और भी बढ़ जाती है। 29 जुलाई 2023 दिन शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 1320 मेगावाट क्षमता के सुपर क्रिटिकल विद्युत संयत्र की स्थापना के लिए भूमिपूजन करेंगे। इस संयत्र के स्थापना से एक ओर कोरबावासियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे वही घरेलू व आद्योगिक बिजली सस्ती होगी।

सर्व सुविधायुक्त मेडिकल कालेज भवन की मिलेंगी सौगात

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज एक और बड़ी सौगात कोरबावासियों को देने जा रहे हैं। सत्र 2022-23 से कोरबा में मेडिकल कालेज का संचालन प्रारंभ हो गया है। दूसरा सत्र भी प्रारंभ हो गया है जिसमें कालेज को पूर्व की भांति 1900 सीट आबंटित की गई है। अभी आईटी कालेज में विद्यार्थी पीड़ित मानवता की सेवा के लिये चिकित्सा का हूनर सीख रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मेडिकल कालेज के स्वयं के भवन के लिये 124 एकड़ की विशाल जमीन में मेडिकल कालेज संचालन लिये 325 करोड की लागत से कैम्पस के निर्माण का भूमिपूजन करेंगे, जिसमें कालेज भवन, छात्रावास, स्टाफ के लिए मकान आदि का निर्माण होगा।

आत्मानंद अंग्रेजी महाविद्यालय का होगा शुभारंभ

विद्युत मंडल कोरबा पूर्व आवासीय परिसर में इसी वर्ष से संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यय कॉलेज का भी शुभारंभ करेंगे। कोरबा के इतिहास में ये तीनो सौगाते हमेशा-हमेशा के लिये मानस पटल पर दर्ज हो जायेंगे।

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