कोरबा के जंगलों में लगती थी भगवान श्री राम की कचहरी,बालको के फुटका बक्साईट खदान से और आगे है “*राम कचहरी*
NAMASTE KORBA :: फुटका पहाड़ क्षेत्र को लेकर आदिवासी जन समुदाय व ग्रामीणों में आस्था व विश्वास है कि यह स्थान काफी प्राचीन है और यहां पर ऐसी मान्यता है कि श्री राम ने कचहरी लगाई थी। इसीलिए इस स्थान को राम कचहरी का नाम मिला हुआ है।
फुटका पहाड़ मे बालको के बाक्साईट खदान खुलने के पहले पहाड़ी कोरवाओं और पंडो जनजाति के लोगों का निवास था। जहाँ वे वनवासी श्री राम की पूजा किया करते थे।राम कचहरी पहाड़ों पर स्थित होने के कारण पहुंचना बहुत ही कठिन था ।
आज भी वह समाज अभावों के बावजूद वहां जाकर पूजन एवं रामायण गायन करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा को विशेष पूजन एवं रात्रि जागरण के साथ रामायण पाठ एवं गायन किया जाता है । उस दिन उदयपुर,सरगुजा आदि जगहों से समाज के लोग एकत्र होते हैं।
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कुछ समय पहले वनविभाग द्वारा फुटका मार्ग का मरम्मत करा कर “नेचर ट्रेल” विकसित किया है और अब आप अपने चार चक्के की गाड़ी से जा सकते हैं।
इस स्थान मे बालको के कालोनी का अवशेष और खदान के चिन्ह भी अभी दिखते हैं। यहाँ एक शिव मंदिर भी (पुराने बालको कालोनी मे )है। कभी कभी कोई जाता है तो फूल पत्ती चढ़ा देता हैं। वहीं एक बुढ़ा वट वृक्ष है जो इस कालोनी को बसते और उजड़ते देखा है।
आप सब वहां जायें और कहीं पऱ भी रुक कर प्रकृति के साथ अपना सम्बन्ध जोड़ें, शांति से प्रकृति क्या कहती है जानें और समझें, वहां वन्य पशु कोटरी, सांभर आदि दिखने की सम्भावना भी है।यहाँ जैव विविधता भी देखने को मिलेगी।राम कचहरी के पास एक और आश्चर्य मिलेगा वो है कि यहाँ जो भी पत्थर हैं वो सब किसी न किसी जीव जंतु या मशीनरी की तरह दिखते हैं। इस पूरे क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावना है बस जरूरत है प्रशासनिक पहल की,
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