कोरबा के ललाट पर कारखानों के द्वारा धूम्र तिलक,बिजलीघर की चिमनियों से निकल रहा धुआं पर्यावरण प्रदूषण के लिहाज से लोगों को डराने के लिए काफी
नमस्ते कोरबा : ऊर्जाधनी के नाम पर कोरबा जिले को बिजली उत्पादन का कीर्तिमान भले ही मिला हो लेकिन लोगों को इसकी अच्छी खासी कीमत चुकानी पड़ रही है. पावर प्लांट से निकलने वाले धुएं, कोयला खदानों से निकाला कोल डस्ट,भारी वाहन और फ्लाई ऐश की डंपिंग का असर लोगों के स्वास्थ्य पर दिख रहा है.पावर प्लांट की चिमनियों से बेहताशा धुआं निकलता है. जब भी मौसम बदलता है और अंधड़ चलने की स्थिति निर्मित होती है तब चिमनियों से राख की पतली परत हवा में उड़ने लगती है. शहर से लगे प्लांट में रात के समय बेतहाशा राख चिमनियों के माध्यम से छोड़ा जाता है जिससे आमलोग काफी प्रभावित हो रहे हैं.
पावर हब कोरबा की सुंदरता के बीच बिजलीघर की चिमनियों से निकल रहा धुआं पर्यावरण प्रदूषण के लिहाज से लोगों को डराने के लिए काफी है.बता दें कि कोरबा को सुंदर बनाने के लिए कई स्तर पर जतन किए जा रहे है. इसमें पौधे लगाने से लेकर दीवारों पर चित्रकारी करने से तक का काम किय गया है. मतलब यह कि कोरबा को खूबसूरत बनाने और दिखाने की चाहत है. इसके ठीक उलट वायु प्रदूषण का भयावह रूप भी इसी शहर में मौजूद है.