Sunday special : कहानी कोरबा के एक ऐसे सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल की जो दूध उत्पादन का बिजनेस कर कामयाबी की एक नई इबारत लिख रहे हैं.
नमस्ते कोरबा.आज के दौर में युवा खेती-किसानी से दूर ही रहना पसंद करते हैं. और पढ़ लिखकर बड़े शहरों में नौकरी की तलाश में निकल पड़ते हैं, लेकिन कुछ युवा ऐसे भी है. जो अपनी जमीन को छोड़ना नहीं चाहते और यहीं रहकर अपना नाम करते हैं,
आज हम आपको एक ऐसे सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल के बारे में बताने जा रहे हैं, जो डेरी फार्मिंग (दूध उत्पादन) का बिजनेस कर, कामयाबी की एक नई इबारत लिख रहे हैं.यह कहानी छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर मे रहने वाले गौरव यादव की है. गौरव 45000 रुपए की नौकरी छोड़ हैदराबाद से कोरबा लौटे और घर में पल रही 4 गायों से अपनी सफलता की नई शुरुआत की..
45 हज़ार की नौकरी छोड़ी अब दूध से 1लाख 80 हज़ार का इनकम
गौरव यादव बताते हैं कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एमसीए की डिग्री लेने के बाद हैदराबाद की कंपनी मे बतौर सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल जॉब किया करते थे जहां उनकी महीने की इनकम 45000 रूपए हुआ करती थी. नौकरी में सीमित आय को देखते हुए उनके मन में बिजनेस का ख्याल पैदा हुआ और लौट आए अपने शहर कोरबा.
यहां घर पर 4 गाये हुआ करती थी इन्हीं चार गायों से उन्होंने अपनी डेरी फार्मिंग की शुरुआत की. आज उनके पास देसी और विदेशी नस्ल की कुल 42 गाये है जिनके दूध से वे हर महीने 1 लाख 80 हज़ार रुपए के आसपास कमा लेते है.
देशी मुर्गी और अंडे से कमा लेते हैं 25 हज़ार महीना
डेरी फार्मिंग में सक्सेस के बाद उन्होंने प्रयोग के तौर पर देशी मुर्गी का बिजनेस शुरू किया जिसमें उन्हें कम लागत और मेहनत में अच्छा मुनाफा हुआ. अब डेयरी फार्मिंग के साथ ही छोटे से स्थान पर देशी मुर्गी का पालन करते है.उन्होंने बताया की देसी मुर्गी और उसके अंड्डे बेचकर महीने के लगभग 25000 की प्रॉफिट हो जाती है.
डेरी फार्मिंग मे आने वाले यवाओं को संयम रखना जरूरी
गौरव यादव का मनना है कि डेरी फार्मिंग का बिजनेस शुरू करने की इच्छा रखने वाले युवाओं को संयम रखना जरूरी है. जब कोई इस बिजनेस को शुरुआत करता है तो कम से कम 2 वर्ष प्रॉफिट के बारे मे लालच ना रखे. पहले गायों की सेवा करें और फिर 2 साल के अंतराल में आपका बिजनेस बैलेंस हो जाएगा. जिससे आपको खर्च और बचत समझ आने लगेंगे.
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