सुबह कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत, शाम तक बन गई जमीन कि ऋण पुस्तिका और सुधर गया जमीन का रिकॉर्ड
नमस्ते कोरबा :- पैसा दो वरना मैं बहुत बिजी हूँ, कहकर महिला फरियादी को घुमाने वाले पटवारी ने आखिरकार शिकायत की भाषा को ही समझा। शिकायत होते ही ऋण पुस्तिका बनाकर शाम तक फरियादी को उपलब्ध करा दिया।
कलेक्टर के जन चौपाल में की गई शिकायत और इसके आधार पर जिले के प्रमुख समाचार पोर्टल में प्रसारित किए समाचार के उपरांत जिस पटवारी के पास काम करने के लिए वक्त नहीं था और खुद को बहुत बिजी बता रहा था उसने शाम होते-होते पीड़िता को उसका ऋण पुस्तिका निःशुल्क बनाकर देने के साथ ही राजस्व रिकॉर्ड भी दुरुस्त कर दिया।
अपने उच्चाधिकारियों और सरकार द्वारा दिए जाने वाले निर्देशों एवं हिदायत को दरकिनार कर मनमानी पूर्वक काम करने वाले ऐसे ही लापरवाह अधिकारी व कर्मियों के कारण अनिराकृत प्रकरणों की संख्या बढ़ती जा रही है। लंबित मामलों का बोझ बढ़ने के कारण जहां आम जनता का काम अटकता है वहीं त्रुटिपूर्वक कार्यों की भी संभावना बनी रहती है। अनेक ऐसे भी पटवारी हैं जो या तो जानबूझकर या फिर अपने मनमाने कार्यशैली के कारण रिकार्डों के दुरुस्ती करण में गंभीरता नहीं दिखाते और इसका खामियाजा लंबे समय तक सुधार कार्य कराने के लिए पीड़ित को चक्कर पर चक्कर लगाकर भुगतना पड़ता है। ऐसे ही दर्री तहसील के हल्का नंबर 17 के पटवारी संजू निषाद की शिकायत जन चौपाल में की गई थी कि उसके द्वारा सीधे तौर पर कहा जा रहा है कि पैसा दो तभी ऋण पुस्तिका बनाऊंगा वरना मैं बहुत बिजी हूं। शिकायत होने के बाद इसे प्रमुखता से उजागर भी किया गया और कलेक्टर ने संबंधित अधिकारी को तत्काल कार्य कराने के निर्देश भी दिये जिसके उपरांत पीड़िता का काम बड़ी आसानी से हो गया।
कलेक्टर के जनचौपाल मैं इस तरह के आवेदनों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसका सीधा-सीधा आशय यही है कि निचले स्तर के अधिकारी और कर्मचारी अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं जिसके कारण लोगों को उन पर भरोसा नहीं रह गया और सीधे कलेक्टर के पास पहुंचकर फरियाद करते हैं।
कलेक्टर संजीव कुमार झा बड़ी ही संजीदगी और गंभीरता के साथ लोगों की शिकायतों को सुनकर त्वरित निराकरण के निर्देश दे रहे हैं।नि:संदेह संजीव कुमार झा एक ऐसे कलेक्टर हैं जो जनता की तकलीफ को, उनकी समस्याओं को पूरी संजीदगी के साथ निराकृत करा रहे हैं। ऐसे ही संवेदनशील तथा गंभीर अधिकारियों की इस जिले को महती आवश्यकता है। यह पहला मौका रहा जब कलेक्टर संजीव कुमार झा ने पहल करते हुए एसईसीएल से प्रभावित भू विस्थापितों को रोजगार के लंबित मामलों में नौकरी दिलवाकर बड़ी राहत प्रदान की। इसके अलावा जिले के विकास से लेकर विभिन्न लंबित कार्यों को भी उन्होंने गति प्रदान की है। आम जनमानस में संजीव कुमार झा ने एक अच्छे और सुलझे हुए संजीदगीपूर्ण शीर्ष अधिकारी के रूप में अपनी छवि स्थापित की है।