Monday, November 24, 2025

श्री श्याम मित्र मंडल के पूर्व पदाधिकारी जांच के घेरे में हाईकोर्ट के आदेश पर रजिस्ट्रार ने नोटिस जारी किया

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श्री श्याम मित्र मंडल के पूर्व पदाधिकारी जांच के घेरे में
हाईकोर्ट के आदेश पर रजिस्ट्रार ने नोटिस जारी किया

नमस्ते कोरबा। श्री श्याम मित्र मंडल, कोरबा से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में अब बड़ी कार्रवाई सामने आई है। माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़, बिलासपुर में लंबित प्रकरण WPC 5083/2024 के आदेश दिनांक 11 अप्रैल 2025 के अनुपालन में सहायक रजिस्ट्रार, फ़र्म्स एवं सोसायटीज़, बिलासपुर ने संस्था के पूर्व पदाधिकारियों रोहिणी सुल्तानिया, बिमल मोदी तथा मनोज अग्रवाल को नोटिस जारी किया है।

जारी आदेश क्रमांक 4250/30.03.2006/2025 के अनुसार पूर्व अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष को 3 दिसम्बर 2025 दोपहर 12:00 बजे तक अनिवार्य रूप से उपस्थित होकर संस्था के अपने कार्यकाल से संबंधित समस्त मूल अभिलेख प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

किन अभिलेखों को प्रस्तुत करना आवश्यक

सदस्यता पंजी

कार्यकारिणी व आमसभा अभिलेख

कैश-बुक व लेज़र-बुक

बिल/वाउचर

बैंक पासबुक/स्टेटमेंट

दान/अनुदान अभिलेख

एफडी/चेक रसीदें

वेतन/खर्च रजिस्टर

संपत्ति अभिलेख

Tally Data Backup

BRS सहित अन्य वित्तीय व प्रशासनिक रिकॉर्ड

सहायक रजिस्ट्रार ने स्पष्ट किया है कि यह पूरी कार्यवाही उच्च न्यायालय के निर्देशों तथा छत्तीसगढ़ सोसायटी पंजीयन अधिनियम, 1973 की धारा 32(1) के अंतर्गत की जा रही है।

उठ रहे महत्वपूर्ण सवाल,क्या पूर्व पदाधिकारियों ने अभिलेखों को समय पर प्रस्तुत न करके पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं? नोटिस में यह भी इंगित है कि रिकॉर्ड की अनुपलब्धता संस्था के प्रशासनिक संचालन पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है।

शुरू हुई जांच किस स्तर तक जाएगी?

रजिस्ट्रार कार्यालय के निर्देशों से संकेत मिलता है कि यह प्राथमिक नहीं, बल्कि गहन प्रशासनिक और वित्तीय जांच का हिस्सा हो सकती है। रिकॉर्ड अधूरा या गलत पाए जाने पर क्या कार्रवाई संभव?

कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, धारा 32(1) के तहत रिकॉर्ड जमा न करने या भ्रामक दस्तावेज देने पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई तक का प्रावधान है—हालांकि अंतिम निर्णय प्राधिकृत जांच के निष्कर्षों पर निर्भर करेगा।

क्या पुराने वित्तीय लेन-देन और दान राशि की सच्चाई सामने आएगी?

जांच में बैंक स्टेटमेंट, FD, दान राशि, खर्च और आय-व्यय के पुराने रिकॉर्ड की भी गहराई से समीक्षा अपेक्षित है, जिससे संभावित अनियमितताओं का खुलासा हो सकता है। फिलहाल, कोरबा की चर्चित संस्था श्री श्याम मित्र मंडल से जुड़े इस मामले पर सभी की नज़रें टिकी हैं। अगली तारीख पर पूर्व पदाधिकारियों की उपस्थिति और प्रस्तुत दस्तावेज इस कार्रवाई की दिशा तय करेंगे।

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